Petrol Rate: खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को भरोसा जताया कि 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम को लागू करने में मक्के की फसल की प्रमुख भूमिका होगी। गोयल ने मक्के से एथनॉल विषय पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि एथनॉल एक उभरता हुआ क्षेत्र है। उन्होंने उद्योग से इस हरित ईंधन को बनाने के लिये ऐसे कारखाने लगाने को कहा, जो दो कच्चे माल (गन्ना और खाद्यान्न) पर काम कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि किसानों और उद्योग के प्रयास से पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण को बढ़ाकर 2021-22 में 10 प्रतिशत कर दिया गया जो 2013-14 में 1.53 प्रतिशत था। गोयल ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण के लक्ष्य को महत्वाकांक्षी और साहसिक बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर सभी पक्ष इस दिशा में ईमानदारी से काम करें तो इसे हासिल किया जा सकता है।
ई-फ्यूल की भी हो रही चर्चा
डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों को देख ई-फ्यूल पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ई-फ्यूल क्या है। दरअसल, रिन्यूएबल एनर्जी को ई-फ्यूल कहा जाता है, जो बिजली हवा और पानी से मिलकर तैयार होने वाला ईंधन है। रिन्यूएबल या डीकार्बनाइज इलेक्ट्रिसिटी से बनने वाली गैस या लिक्विड ईंधन को ई-फ्यूल कहा जाता है। आप ई-मिथेन, ई-कैरोसिन या ई-मिथेनॉल को ई-फ्यूल कह सकते हैं। रिन्यूएबल एनर्जी कभी खत्म न होने वाला ईंधन है। इस आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं। ई-फ्यूल एक तरह का हाइड्रोकार्बन है, जिसे रिन्यूएबल एनर्जी के प्रयोग से पानी में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है। फिर हाइड्रोजन को कार्बनडाइऑक्साइड से अलग किया जाता है। जब ये हवा से छनकर बाहर निकलता है तो मेथेनॉल में बदल जाता है। फिर एक्सॉनमाबिल लाइसेंस तकनीक के इस्तेमाल से इसे गैसोलीन में बदल दिया जाता है। इसे ही ई-फ्यूल कहते हैं।
कितने प्रकार का होता है ई-फ्यूल?
ई-फ्यूल दो तरह का होता है। पहला गैस ई-फ्यूल और दूसरा लिक्विड ई-फ्यूल। गैस ई-फ्यूल में रिन्यूएबल हाइड्रोजन से पैदा होने वाला लिक्विड H2 और मिथेन गैस से पैदा होने वाला e-GNL होता है। वहीं, लिक्विड ई-फ्यूल में मिथेनॉल और ई-क्रूड जैसे ई-फ्यूल शामिल हैं। इसे सिंथेटिक क्रूड ऑयल भी कहते हैं। जो कैरोसिन और ई-डीजल से बनकर तैयार होता है।