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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भरने जा रहे सरकार की झोली, दे सकते हैं 15000 करोड़ का डिविडेंड

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा बढ़ने के कारण इस वर्ष सरकार को पीएसबी से 15,000 करोड़ रुपये के आसपास का डिविडेंड मिल सकता है। पीएसबी के मुनाफे में इजाफा होने की वजह ब्याज दरों का उच्च स्तर पर होना है।

Edited By: Abhinav Shalya
Published on: March 25, 2024 12:52 IST
Banks - India TV Paisa
Photo:FILE Banks

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक यानी सरकारी बैंकों के मुनाफे में बढ़ोतरी के चलते चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभांश भुगतान कर सकते हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में सभी 12 पीएसबी ने कुल 98,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। 

यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले सिर्फ 7,000 करोड़ रुपये कम है। पीएसबी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1.05 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक कुल शुद्ध लाभ दर्ज किया था। वित्त वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 66,539.98 करोड़ रुपये था।

पिछले साल मिला था 13804 करोड़ का डिविडेंड

बीते वित्त वर्ष में सरकार को 13,804 करोड़ रुपये का लाभांश मिला, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 8,718 करोड़ रुपये से 58 प्रतिशत अधिक था। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि  चूंकि चालू वित्त वर्ष में मुनाफा पिछले साल की तुलना में काफी अधिक होगा, इसलिए सरकार को लाभांश का भुगतान भी अधिक होगा। उन्होंने कहा कि पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लाभांश भुगतान 15,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए। 

ब्याज दर बढ़ने से बैंकों के मुनाफे में हुआ इजाफा 

बता दें, आरबीआई की ओर से रेपो रेट को मई 2022 में बढ़ाना शुरू किया गया था। ब्याज दर अधिक होने के कारण बैंकों के मुनाफे में बीते कुछ वर्षों में तेज उछाल देखने को मिला है और मौजूदा समय में ज्यादा सरकारी बैंक अपना अब तक का सबसे अच्छा मुनाफा दर्ज कर रहे हैं। वर्तमान में रेपो रेट 6.50 प्रतिशत है। 

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