Saturday, November 16, 2024
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फ्री वाली स्कीमों से सरकारों का बजट बिगड़ने का खतरा, 16वां वित्त आयोग लेगा यह एक्शन

सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि व्यक्तिगत लाभ प्रदान करने वाली योजनाएं, जो राज्य और शायद केंद्र द्वारा भी दी जाती हैं, इनका वित्त पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Updated on: August 02, 2024 6:40 IST
मुफ्त की योजनाएं- India TV Paisa
Photo:PIXABAY मुफ्त की योजनाएं

सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने गुरुवार को कहा कि वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र द्वारा चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और शायद केन्द्र के द्वारा… यह जो व्यक्तिगत लाभ दिये जा रहे हैं उनका वित्त पर बहुत गहरा असर पड़ता है। इसलिये वित्त आयोग को यह भी ध्यान देना होता है कि देश में व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनी रहे। इसपर निश्चित रूप से वित्त आयोग विचार करेगा।

6-7 महीने में तय होंगी चीजें

पनगढ़िया ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत लाभ प्रदान करने वाली योजनाएं, जो राज्य और शायद केंद्र द्वारा भी दी जाती हैं, इनका वित्त पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए आयोग को यह भी देखना है कि देश में व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनी रहे। यह हमारे अधिकार क्षेत्र में आता है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘इसलिए वित्त आयोग निश्चित रूप से इसपर विचार करेगा… क्या कह पायेंगे कुछ? कुछ कह पाएंगे या नहीं कह पायेंगे और क्या कहेंगे उसमें अभी समय लगेगा। उस स्थिति में पहुंचते हुए छह-सात महीने लगेंगे।’’

केंद्र से टैक्स में मिले ज्यादा हिस्सेदारी

देश में 16वें वित्त आयोग के गठन के बाद आयोग राज्यों की वित्तीय स्थिति का आकलन कर रहा है। राज्यों और केंद्र सरकार से विचार-विमर्श के बाद आयोग अपनी सिफारिशें देगा। इससे पहले आयोग के सदस्यों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा सहित राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों से बातचीत की। बैठक के बाद पनगढ़िया ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने केंद्र से करों में मौजूदा 41 प्रतिशत हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत हिस्सेदारी मांगी है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य की भौगोलिक स्थिति, क्षेत्रफल और विशेष परिस्थितियों को देखते हुए राज्यों के बीच हिस्सेदारी के मानकों में भी बदलाव की मांग की है।

राजस्थान कई मायनों में यूनिक

आयोग अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया गया कि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है और राज्य का दो-तिहाई क्षेत्र रेगिस्तान है। देश की 21 प्रतिशत बंजर भूमि राजस्थान में है और यहां पर पानी की बड़ी कमी है और राज्य इसलिये भी ‘यूनिक’ है, क्योंकि इसकी करीब 1,071 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा है। राजस्थान सरकार ने कहा कि राज्य में जनसंख्या घनत्व कम होने के कारण लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च करना पड़ता है। राजस्थान की 75 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। वहीं, यहां कुल जनसंख्या में एससी-एसटी की आबादी भी 31 प्रतिशत है और राज्य में पानी बड़ी समस्या है। राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर पनगढ़िया ने कहा, ‘‘अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। अभी हमने चार राज्यों का दौरा किया है। हमें 24 और राज्यों का दौरा करना है। उसके बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।’’

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