वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने के साथ ही सरकार ने भी तेल कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कच्चा तेल कई दिनों से 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा है। इस बीच सरकार ने आज घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में कटौती कर दी है। इसके अलावा डीजल और एविएशन फ्यूल (ATF) के निर्यात पर लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स यानि अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की है। बता दें कि सरकार ने इस साल निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए जुलाई से विंडफॉल टैक्स की व्यवस्था लागू की थी। सरकार हर 15 दिनों में इसकी समीक्षा भी करती है।
कच्चा तेल सस्ता होने पर उठाया कदम
नवंबर से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार की ओर से 15 दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 4,900 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,700 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदला जाता है। सरकार ने डीजल के निर्यात पर भी कर आठ रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसी तरह एटीएफ के निर्यात पर इसे पांच रुपये से घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर किया गया है। कर की नई दरें 16 दिसंबर से प्रभावी हैं।
क्या है ये विंडफॉल टैक्स?
भारत ने पहली बार एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ (Windfall Tax) कर लगाया था। इसके साथ ही यह उन कुछ देशों में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कंपनियों के अत्यधिक लाभ पर कर वसूलते हैं। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। पेट्रोल पर निर्यात कर को समाप्त कर दिया गया है।
वैश्विक स्तर पर घटे दाम
कच्चे तेल की पिछले दो सप्ताह की औसत कीमत के आधार पर कर दरों की प्रत्येक पखवाड़े समीक्षा की जाती है। दिसंबर में भारत का कच्चे तेल के आयात का औसत मूल्य 77.79 डॉलर प्रति बैरल रहा है। यह नवंबर में 87.55 डॉलर प्रति बैरल और अक्टूबर में 91.70 डॉलर प्रति बैरल था।
क्या भारत में कीमतों पर पड़ेगा असर?
भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतों पर इस विंडफॉल टैक्स का कोई असर नहीं पड़ता है। विंडफॉल टैक्स भारत में उत्पादित होने वाले कच्चे तेल केअलावा निर्यात होने वाले पेट्रोलियम पदार्थों पर पड़ता है। ऐसे में घरेलू उपयोग होने पर पेट्रोल डीजल और नैचुरल गैस की कीमतों पर इसका कोई असर नहीं होता है। इसका मुख्य फायदा ओएनजीसी या रिलायंस जैसी कंपनियों को मिलेगा, जो भारत से कच्चे तेल को रिफाइन कर पेट्रोल डीजल तैयार करती हैं और यूरोप सहित दुनिया भर के देशों को निर्यात करती हैं।