खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को उपभोक्ताओं की मांग के बाद चांदी और चांदी की कलाकृतियों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने पर विचार करना चाहिए। 78वें बीआईएस स्थापना दिवस समारोह में जोशी ने कहा कि चांदी की हॉलमार्किंग के लिए उपभोक्ताओं की मांग है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मंत्री ने कहा कि आप (बीआईएस) विचार-विमर्श कर सकते हैं और फैसले ले सकते हैं।
फिलहाल सिर्फ सोने पर हॉलमार्किंग है अनिवार्य
खबर के मुताबिक, सरकार मौजूदा समय में सिर्फ सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य करती है, जिसका मकसद उपभोक्ता हितों की रक्षा करना और उत्पाद की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना है। मौजूदा हॉलमार्किंग प्रणाली में एक यूनीक छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड शामिल है, जो सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है। चांदी की हॉलमार्किंग के संभावित विस्तार से भारत के कीमती धातुओं की गुणवत्ता नियंत्रण उपायों का एक महत्वपूर्ण विस्तार होगा।
चांदी की वायदा कीमत
सोमवार को प्रतिभागियों द्वारा अपने दांव कम करने से चांदी की कीमत 103 रुपये गिरकर 89,118 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में मार्च डिलीवरी के लिए चांदी के अनुबंधों की कीमत 103 रुपये या 0. 12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 89,118 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जिसमें 31,304 लॉट का कारोबार हुआ। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार में मौजूदा स्तरों पर प्रतिभागियों द्वारा बिकवाली से मुख्य रूप से चांदी की कीमतों पर असर पड़ा। ग्लोबल लेवल पर, न्यूयॉर्क में चांदी 0. 35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 29. 51 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
सोने की हॉलमार्किंग को दिया था विस्तार
सरकार ने करीब एक साल पहले सोने की हॉलमार्किंग को विस्तार देते हुए तीसरा चरण 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 55 नए जिलों में लागू किया था। गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणन है और 16 जून, 2021 तक स्वैच्छिक प्रकृति का था, जब सरकार ने चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग को लागू करने का फैसला किया। 23 जून, 2021 को शुरू किए गए पहले चरण में 256 जिले शामिल किए गए थे, जबकि 4 अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाले दूसरे चरण में 32 और जिले शामिल किए गए।