Monday, July 01, 2024
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सरकारी बैंक यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल होने के मामले में प्राइवेट बैंकों से आगे, जानें कौन से PSBs का नाम है शुमार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहले बैंकों को अपने टीडी (टेक्निकल डिक्लाइन) को 1% से कम करने की सलाह दी थी। बीते मई में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का टीडी 2.06% था, जबकि बंधन का 1.6% और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 1.57% था।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: July 01, 2024 8:01 IST
कनेक्टिविटी समस्याओं या स्विच अनुपलब्धता जैसे मुद्दों के कारण तकनीकी गिरावट (टीडी) होती है।- India TV Paisa
Photo:FILE कनेक्टिविटी समस्याओं या स्विच अनुपलब्धता जैसे मुद्दों के कारण तकनीकी गिरावट (टीडी) होती है।

यूपीआई ट्रांजैक्शन या पेमेंट फेल होने के मामले में सरकारी बैंक, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के मुकाबले ज्यादा आगे हैं। यानी निजी बैंकों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में उनके एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) सिस्टम में तकनीकी गिरावट की दर ज्यादा है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़े यही बता रहे हैं। इस आंकड़े के मुताबिक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र उन सरकारी बैंकों में शुमार हैं, जिन्होंने इस साल जनवरी से अपने यूपीआई सिस्टम में 1% से ज्यादा की तकनीकी गिरावट (टीडी) दर्ज की है।

प्राइवेट बैंकों में तकनीकी गिरावट बहुत कम

खबर के मुताबिक, बात जब प्राइवेट बैंकों की करें तो इनमें एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट जैसे निजी बैंकों में औसत यूपीआई तकनीकी गिरावट सिर्फ 0.04% है। हां, निजी बैंकों में बंधन बैंक में 1% से अधिक की तकनीकी गिरावट देखी गई है। आपको बता दें, कनेक्टिविटी समस्याओं या स्विच अनुपलब्धता जैसे मुद्दों के कारण तकनीकी गिरावट (टीडी) होती है।

आरबीआई 1% से कम करने की सलाह दी थी

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहले बैंकों को अपने टीडी (टेक्निकल डिक्लाइन) को 1% से कम करने की सलाह दी थी। एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, बीते मई में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का टीडी 2.06% था, जबकि बंधन का 1.6% और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 1.57% था। बंधन बैंक का कहना है कि उसके टीडी कम हो रहे हैं। बंधन बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में बंधन बैंक ने एक नए कोर बैंकिंग सिस्टम में माइग्रेट किया। इसमें लगातार सुधार हो रहा है।

बता दें, वित्त वर्ष 2024 में भारत ने ₹200 ट्रिलियन मूल्य के लगभग 131 बिलियन यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन किए। UPI चलाने वाली भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में UPI के माध्यम से ₹139 ट्रिलियन मूल्य के लगभग 83.7 करोड़ लेनदेन किए गए।

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