दालों की आसमानी कीमत के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि खुदरा विक्रेता दालों पर लाभ मार्जिन कम करें। सरकार ने बताया कि पिछले एक महीने में प्रमुख थोक बाजारों में लगभग 4 प्रतिशत की गिरावट के अनुपात में तुअर (अरहर), उड़द और चना दालों की खुदरा कीमतों में गिरावट नहीं आई है। खुदरा विक्रेताओं से उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए उचित लाभ मार्जिन वसूलने को कहा है। पीटीआई की खबर के सरकार ने चेतावनी दी कि वह बाजार के खिलाड़ियों द्वारा बेईमानी से सट्टेबाजी और मुनाफाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
विभाग ने की बैठक
खबर के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने मंगलवार को दालों के संबंध में मूल्य परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के साथ एक बैठक आयोजित की। उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में तुअर और चना के लिए स्टॉक सीमा के अनुपालन की भी समीक्षा की गई। बैठक में आरएआई, रिलायंस रिटेल, डी-मार्ट, टाटा स्टोर्स, स्पेंसर, आरएसपीजी और वी-मार्ट के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आरएआई के 2,300 से अधिक सदस्य हैं, और देश भर में इसके 6,00,000 से अधिक खुदरा दुकानें हैं।
खुदरा विक्रेताओं को अधिक लाभ मार्जिन मिल रहा
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सचिव ने सूचित किया कि पिछले एक महीने में प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है। बयान में कहा गया है कि उन्होंने थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच भिन्न ट्रेंड्स की ओर इशारा किया, जिससे लगता है कि खुदरा विक्रेताओं को अधिक लाभ मार्जिन मिल रहा है। वर्तमान मूल्य परिदृश्य और खरीफ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, खरे ने खुदरा उद्योग से दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता देने को कहा।
खुदरा उद्योग के प्रतिभागियों ने आश्वासन दिया
बयान में कहा गया है कि खुदरा उद्योग के प्रतिभागियों ने आश्वासन दिया कि वे अपने खुदरा मार्जिन में जरूरी समायोजन करेंगे और उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर कीमतें उपलब्ध कराने के लिए इसे नाममात्र स्तर पर बनाए रखेंगे। खरे ने जोर देकर कहा कि बड़े खुदरा विक्रेताओं सहित सभी स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं की स्टॉक स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्धारित सीमा का उल्लंघन न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि स्टॉक सीमा का उल्लंघन, बेईमानी से सट्टेबाजी और बाजार के खिलाड़ियों की ओर से मुनाफाखोरी सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई को आमंत्रित करेगी।