Google की मूल कंपनी, अल्फाबेट भी अब मेटा, अमेज़ॅन, ट्विटर के नक्शेकदम पर चल निकली है। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी भी अब अपने 10,000 कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है। कंपनी अपनी वर्क फोेर्स को 6 प्रतिशत तक घटाने जा रही है। इसके तहत सबसे पहले "खराब प्रदर्शन करने वाले" कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
द इन्फॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने खराब कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए एक नई रैंकिंग और प्रदर्शन सुधार योजना शुरू की है। इसके तहत कंपनी के राडार पर आए 10,000 कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रहा है। इससे पहले टेक फर्म मेटा, अमेजन और ट्विटर भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकालने का ऐलान कर चुके हैं।
अगले साल की शुरुआत से मिलेगी पिंक स्लिप
रिपोर्ट में कहा गया है, "एक नई पर्फोर्मेंस इंप्रूवमेंट सिस्टम प्रबंधकों को अगले साल की शुरुआत में कमजोर प्रदर्शन करने वाले हजारों कर्मचारियों को बाहर निकालने में मदद कर सकती है। प्रबंधक रेटिंग का उपयोग उन्हें बोनस और स्टॉक ग्रांट देने से बचने के लिए भी कर सकते हैं।" नई प्रणाली के तहत, प्रबंधकों को व्यवसाय के लिए उनके प्रभाव के संदर्भ में 6 प्रतिशत कर्मचारियों, या लगभग 10,000 लोगों को कम प्रदर्शन करने वालों के रूप में वर्गीकृत करने के लिए कहा गया है।
IT इंडस्ट्री में शुरू हुई छंटनी की आंधी
- Meta - 11k (13%)
- Twitter - 3.7k (50%)
- Intel - 20%
- Snap - 20%
- Netflix - 450
- Robinhood - 30%
- Stripe, Lyft - 13%
- Salesforce - 2k
- Amazon - 10k
फिलहाल 1.87 लाख है गूगल की वर्कफोर्स
अल्फाबेट के पास लगभग 187,000 कर्मचारियों का कार्यबल है। यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) फाइलिंग के अनुसार, पिछले साल एक अल्फाबेट कर्मचारी के लिए औसत मुआवजा लगभग 295,884 डॉलर था। अल्फाबेट ने तीसरी तिमाही (Q3) में 13.9 बिलियन डॉलर का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो कि एक साल पहले की तुलना में 27 प्रतिशत कम है, जबकि वैश्विक मंदी और मंदी की आशंकाओं के बीच राजस्व 6 प्रतिशत बढ़कर 69.1 बिलियन डॉलर हो गया।
कंपनी की पर्फोर्मेंस सुधारना चाहते हैं पिचई
कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई का लक्ष्य नौकरी में कटौती की ओर इशारा करते हुए अल्फाबेट को 20 प्रतिशत अधिक कुशल बनाना है। इससे पहले रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि अल्फाबेट कुछ कर्मचारियों को कंपनी में नई भूमिका के लिए आवेदन करने के लिए 60 दिन का समय दे रहा है, अगर उनकी नौकरी में कटौती की जानी है। पिचाई ने कहा था कि कंपनी "अभी भी क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी लंबी अवधि की परियोजनाओं में निवेश कर रही है। लेकिन स्मार्ट होना, मितव्ययी होना, निकम्मा न होना, और अधिक कुशल होना महत्वपूर्ण है"।
Google में जरूरत से ज्यादा है स्टाफ और सैलरी
वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच दुनिया भर की आईटी कंपनियों में अब रिस्ट्रक्चरिंग की मांग उठने लगी है। ब्रिटिश अखबार गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के निवेशकों में से एक अरबपति कारोबारी सर क्रिस्टोफर हॉन के हेज फंड ने कंपनी को लिखा है कि Google और YouTube के कर्मचारियों को बहुत अधिक भुगतान किया जाता है और इसके कार्यबल में भारी कटौती की जानी चाहिए।
पिचई को लिखा लैटर
गार्जियन ने अल्फाबेट के निवेशक लंदन स्थित टीसीआई के हवाले से बताया है कि कंपनी ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को फेसबुक-मेटा, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसे टेक दिग्गजों की तरह गूगल में भी कॉस्ट कटिंग शुरू करने को कहा है। टीसीआई 2017 के बाद से अल्फाबेट का एक बड़ा निवेशक रहा है और कंपनी में 6 बिलियन डॉलर (£ 5.1 बिलियन) मूल्य की हिस्सेदारी रखता है।
प्रति कर्मचारी लागत बहुत अधिक
टीसीआई के प्रबंध निदेशक हॉन ने मंगलवार को सार्वजनिक किए गए एक पत्र में कहा, कंपनी में बहुत अधिक कर्मचारी हैं और प्रति कर्मचारी लागत बहुत अधिक है। हॉन ने कहा कि हम अपना विचार व्यक्त करने के लिए लिख रहे हैं कि अल्फाबेट का लागत आधार बहुत अधिक है और प्रबंधन को आक्रामक कार्रवाई करने की जरूरत है।"
2017 के बाद से डबल हुए कर्मचारी
हॉन ने कहा कि अल्फाबेट, जिसने तीसरी तिमाही के अंत में लगभग 187,000 कर्मचारियों को नियुक्त किया था, ने 2017 के बाद से कर्मचारियों की संख्या दोगुनी कर दी है, इस अवधि के दौरान हेडकाउंट सालाना 20% बढ़ रहा है। जो कि जरूरत से काफी ज्यादा है। हॉन ने यह भी कहा कि अल्फाबेट के पूर्व अधिकारियों के साथ हमारी बातचीत से पता चलता है कि काफी कम कर्मचारियों के साथ व्यवसाय को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सकता है।