दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) की तरफ से इजराइल (Israel) को टेक्नोलॉजी देने का विरोध करने पर कंपनी ने 20 और कर्मचारियों को निकाल दिया है। कर्मचारियों के ग्रुप ने कहा कि इस मामले में गूगल अब तक 50 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल चुकी है। यह ‘प्रोजेक्ट निंबस’ पर फोकस्ड गूगल में आंतरिक उथल-पुथल का नवीनतम संकेत है। इजराइली सरकार को क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सर्विसेज प्रदान करने के उद्देश्य से गूगल और अमेजन के लिए इस परियोजना पर 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे।
कर्मचारियों ने किया था धरना-प्रदर्शन
गाजा में जारी युद्ध के बीच गूगल के न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में सनीवेल स्थित कार्यालयों पर कर्मचारियों ने पिछले सप्ताह धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद कंपनी ने पुलिस को भी बुलाया, जिसने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले समूह ने कहा कि कंपनी ने पिछले सप्ताह 30 कर्मचारियों को निकाला था। पिछली बार गूगल चीफ सुंदर पिचाई ने कहा था कि ऑफिसों में ऐसे प्रदर्शनों की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
ग्रुप कर रहा था यह डिमांड
ग्रुप यह मांग कर रहा है कि ‘रंगभेद करने वालों को कोई टेक्नोलॉजी’ नहीं दी जाए। ग्रुप के मेंबर जेन चुंग ने कहा, “इसके बाद मंगलवार को गूगल ने लगभग 20 और कर्मचारियों को निकाल दिया।” कंपनी ने ग्रुप के दावों का खंडन करते हुए कहा कि जिन लोगों को निकाला गया है, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से और निश्चित रूप से हमारी इमारतों के अंदर विघटनकारी गतिविधियों (Disruptive Activities) में शामिल था।
कुल 50 कर्मचारी निकाले गए
विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकाले गए कर्मचारियों की संख्या अब 50 हो गई है। गूगल के सिक्योरिटी चीफ क्रिस रैको ने प्रदर्शनों की निंदा करते हुए कहा, 'कर्मचारियों का यह व्यवहार अस्वीकार्य और विघटनकारी है। इससे सहकर्मियों को खतरा महसूस हुआ। प्रोजेक्ट निंबस इजराइली गवर्नमेंट और उसकी आर्मी का एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्रोजेक्ट है। इजराइल सरकार ने इसके लिए गूगाल के साथ 1.2 अरब डॉलर का समझौता किया है।'