Thursday, January 02, 2025
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Good News: नए साल में Home-Car लोन की EMI होगी कम, नए जॉब के मौके बढ़ेंगे

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि भारत की संभावनाएं उज्ज्वल हैं, क्योंकि व्यापक आर्थिक बुनियादी मजबूत है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 6.6 प्रतिशत और वित्ती वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jan 01, 2025 12:04 IST, Updated : Jan 01, 2025 12:04 IST
Loan EMI Will go down
Photo:FILE घटेगी लोन की ईएमआई

नए साल की शुरुआत हो गई है। इस साल आपको एक के बाद कई अच्छी खबरें मिलेंगी। सबसे पहले खबर आपकी लोन की ईएमआई कम होगी। आर्थिक जानकारों का कहना है कि फरवरी की मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है। इससे आपकी होम, कार समेत दूसरे सभी लोन की ईएमआई कम होगी। आरबीआई ने महंगाई के चलते पिछले 2 सालों से ब्याज दरों में कटौती नहीं किया है। आरबीआई पर अब रेपो रेट में कटौती का अनुमान है। जीडीपी की रफ्तार सुस्त पड़ने और वृद्धि बनाम मुद्रास्फीति की बहस पर वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच मतभेद के साथ ही सभी की निगाहें फरवरी में ब्याज दरों में संभावित कटौती पर भी टिकी हैं, जब केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की समिति नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​के नेतृत्व में पहली बार बैठक करेगी। समिति की बैठक वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट के तुरंत बाद होगी, जिसमें मोदी 3.0 सरकार के आर्थिक तथा राजकोषीय खाके को प्रस्तुत किया जाएगा।

जीडीपी सरपट दौड़ेगी

भारत की अर्थव्यवस्था सितंबर तिमाही की सुस्ती को पीछे छोड़ते हुए 2025 में और अधिक सकारात्मक प्रगति की उम्मीद कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि 2024-25 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के उच्च आवृत्ति संकेतक बताते हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, जो मजबूत त्यौहारी गतिविधि और ग्रामीण मांग में निरंतर वृद्धि से प्रेरित है। देश की आर्थिक वृद्धि जुलाई-सितंबर में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी। हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे ‘अस्थायी झटका’ करार दिया है। सीतारमण ने संसद में चर्चा के दौरान कहा था कि दूसरी तिमाही में उम्मीद से कम 5.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि एक अस्थायी झटका है और आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में स्वस्थ वृद्धि देखी जाएगी।

बढ़ेंगे रोजगार के मौके 

भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी लौटने और सरकार की ओर से खर्च बढ़ने से इंफ्रा, मैन्युफैक्चरिंग समेत कई अहम सेक्टर में नए जॉब के मौके बढ़ेंगे। युवाओं के लिए अच्छी खबर है। फरवरी में बजट भी है। इसमें भी सरकार रोजगार बढ़ाने के उपायों का ऐलान कर सकती है। पिछली बजट में सरकार का फोकस रोजगार सृजन पर था। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता, भू-राजनीति व संघर्ष, केंद्रीय बैंक की नीतिगत दरों में ढील और जिंस की कीमतों, शुल्क के खतरों आदि के बीच घरेलू परिदृश्य से भारतीय अर्थव्यवस्था का आर्थिक परिदृश्य काफी उज्ज्वल प्रतीत होता है। उन्होंने कहा, आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में मध्यम अवधि के नए राजकोषीय मार्ग के सामने आने की उम्मीद है। बाद में अगले वित्त आयोग की सिफारिशें राजकोषीय नीति के लिए दिशा तय करेंगी। वैश्विक अनिश्चितताओं और निर्यात पर उनके प्रभाव को देखते हुए निजी क्षेत्र की क्षमता वृद्धि कुछ हद तक सतर्क रह सकती है।

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