मोदी सरकार फ्री राशन स्कीम (Free Ration Scheme) को जून, 2024 तक बढ़ा सकती है। आपको बता दें कि देश के गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन मुहैया कराया जाता है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, अगले साल आम चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार इस योजना को विस्तार करने पर विचार कर रही है। इससे से जुड़े सरकारी अधिकारियों के अनुसार, पीएमजीकेएवाई को विस्तार किया जा सकता है। हालांकि, यह यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा लिया जाएगा।
12,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा
पीएमजीकेएवाई के छह महीने के विस्तार पर सरकार को लगभग 12,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। योजना के जारी रहने का मतलब है कि केंद्र सरकार चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम और गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम लाभार्थियों से नहीं लेगी। आपको बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत, सरकार प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो गेहूं/चावल प्रदान करती है। साथ ही, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत आने वाले परिवारों को प्रति माह 35 किलो अनाज मिलता है।
लगभग 3.91 खरब रुपये की लागत आई
पिछले साल दिसंबर में, सरकार ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को (2022 से आगे) नहीं बढ़ाने का फैसला किया, जिसके तहत वह 80 करोड़ लाभार्थियों में से प्रत्येक को 5 किलो अतिरिक्त चावल/गेहूं दे रही थी। पहली कोविड-19 लहर के बीच अप्रैल 2020 में लॉन्च होने के बाद से पीएमजीकेएवाई की सरकारी खजाने पर लगभग 3.91 खरब रुपये की लागत आई। वित्त वर्ष 2024 में खाद्य सब्सिडी 30% घटकर 1.97 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 2.81 ट्रिलियन रुपये थी।