वैश्विक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही अच्छी खबर आई है। भारत के सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) की गतिविधियां मजबूत मांग के चलते सितंबर में सर्विस पीएमआई 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। वहीं कारोबारी गतिविधियों में सुधार के कारण नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं। आने वाले महीनों में नई नौकरियों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है। एक मासिक सर्वेक्षण में गुरुवार को यह जानकारी दी गई है। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक अगस्त के 60.1 से बढ़कर सितंबर में 61 पर पहुंच गया। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय संकुचन से होता है।
400 कंपनियों पर किया गया यह सर्वे
सर्वे सर्विस सेक्टर की करीब 400 कंपनियों को भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों पर आधारित है। नए आंकड़ों के अनुसार भारतीय सेवा प्रदाताओं के साथ नए कारोबार में पर्याप्त वृद्धि हुई है, जो जून 2010 के बाद से दूसरी सबसे तेज वृद्धि है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, नवीनतम पीएमआई परिणाम भारत की सेवा अर्थव्यवस्था के लिए और अधिक सकारात्मक खबरें लेकर आई हैं। सितंबर में व्यावसायिक गतिविधियां और नए कारोबार की संख्या 13 वर्षों में उच्चतम सीमा तक बढ़ी हैं।’’ सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले लोगों ने आने वाले वर्ष में स्वस्थ बाजार की गतिशीलता बने रहने और भारी मांग का अनुमान लगाया है। इस बीच एसएंडपी ग्लोबल इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स सितंबर में बढ़कर 61 पर पहुंच गया, जो अगस्त में 60.9 पर था।
क्या होता है पीएमआई?
पीएमआई सर्विस, देश के सर्विस सेक्टर की सेहत मापने का एक इंडिकेटर है। इसके जरिये कंपनियों की गतिविधियों और कारोबार के बारे में जानकारी मिलती है। अगर कंपनियां अच्छा कर रही हैं तो इससे पता चलता है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है। मोटे तौर पर कहें तो इस इंडिकेटर से देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है। पीएमआई का मुख्य मकसद इकोनॉमी के बारे पुष्ट जानकारी को आधिकारिक आंकड़ों से भी पहले उपलब्ध कराना है, जिससे अर्थव्यवस्था के बारे में सटीक संकेत पहले ही मिल जाते हैं। पीएमआई 5 प्रमुख कारकों पर आधारित होता है। इन पांच प्रमुख कारकों में नए ऑर्डर, इन्वेंटरी स्तर, प्रोडक्शन, सप्लाई डिलिवरी और रोजगार वातावरण शामिल हैं।