भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए अच्छी खबर है। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) ने बुधवार को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने आउटलुक को स्टेबल से पॉजिटिव कर दिया है। साथ ही ओवरऑल रेटिंग को 'BBB-' पर बरकरार रखा है। 'BBB-' सबसे निम्न निवेश ग्रेड रेटिंग है। एसएंडपी ने कहा, 'भारत की मजबूत इकॉनोमिक ग्रोथ ने क्रेडिट मेट्रिक्स पर पॉजिटिव इंपेक्ट डाला है।' रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'भारत का राजकोषीय घाटा बढ़ा हुआ है, लेकिन समेकन के प्रयास जारी हैं। हमें उम्मीद हैं कि भारत के फंडामेंटल्स अगले 2-3 वर्षों में विकास की गति को बनाए रखने में मदद करेंगे।'
घाटा कम हुआ तो बढ़ाएगी रेटिंग
एजेंसी ने कहा कि अगर राजकोषीय घाटा कम होता है तो वह भारत की रेटिंग को बढ़ा सकती है। भारत सरकार वित्त वर्ष 2025 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.1 प्रतिशत तक कम करने की उम्मीद कर रही है, जो वित्त वर्ष 2024 में 5.8 प्रतिशत था। राजकोषीय समेकन के रोडमैप के अनुसार, घाटे को 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत तक कम किया जाएगा। राजकोषीय घाटा सरकारी खर्च और राजस्व के बीच का अंतर होता है।
इंफ्रा पर खर्च देगा ग्रोथ को गति
एसएंडपी ने कहा, "सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च भारत के विकास पथ को गति प्रदान करेगा। हम चुनाव परिणाम की परवाह किए बिना भारत के सुधारों में निरंतरता की उम्मीद करते हैं।" देश वर्तमान में 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए मतदान कर रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए केंद्र में वापसी की संभावना तेजी से बढ़ रही है।
'BBB-' पर बरकरार रेटिंग
पिछले साल मई में, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को 'BBB-' पर बरकरार रखा था। साथ ही ग्रोथ पर स्टेबल आउटलुक दिया था। लेकिन कमजोर राजकोषीय प्रदर्शन और कम जीडीपी प्रति व्यक्ति आय को जोखिम के रूप में चिन्हित किया था। रेटिंग एजेंसियों द्वारा दी गई रेटिंग को निवेशकों द्वारा देश की साख के पैमाने और उधार लागत को प्रभावित करने वाले कारक के रूप में देखा जाता है।