किसानों के लिए खुशखबरी है। किसान अब बिना किसी परेशानी से किसान क्रेडिट कार्ड बनवा पाएंगे। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा सरकारी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को गुरुवार को देश के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का निर्देश दिया गया। यानी, अब बैंक आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड जारी करेंगे। बैंकिंग क्षेत्र की एक दिवसीय समीक्षा बैठक में, जिसकी अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी ने की, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को यह पीएम किसान डेटाबेस की मदद लेने का निर्देश दिया गया।
कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया होगी आसान
पारदर्शिता में सुधार के लिए किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया के डिजिटलीकरण में प्रगति पर भी चर्चा की गई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को समयबद्ध तरीके से किसान क्रेडिट कार्ड ऋणों की संपूर्ण यात्रा को डिजिटल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई। सूत्रों ने कहा कि बैठक में कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे, जहां कृषि ऋण से संबंधित समीक्षा भी की गई।
इन महत्वपूर्ण योजनाओं की भी समीक्षा की गई
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई), प्रधानमंत्री सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति और प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि और कृषि ऋण आदि की भी समीक्षा की गई। बयान के अनुसार, बैठक में सभी पीएसबी से देश के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्ध कराने के लिए पीएम किसान की मदद लेने का आग्रह किया गया। कृषि अवसंरचना राशि (एआईएफ) की प्रगति की भी समीक्षा की गई। कृषि ऋण से संबंधित समीक्षा के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए केसीसी प्राप्त करने की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई। पीएसबी को नियत समय में इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया।
बैंकों को लोगों की जरूरत का ख्याल रखने का निर्देश
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि स्थायी बैंकिंग संबंधों के लिए ग्राहकों के अनुभव को अधिक समृद्ध और सुखद बनाने के लिए बैंकों को हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है। भारतीय बैंक संघ से पहले ही सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए उपभोक्ता सेवा रेटिंग में तेजी लाने का अनुरोध किया गया है, ताकि ग्राहकों की अपेक्षाओं का पता लगाया जा सके और बैंकों को ग्राहक के हर वर्ग के लिए सेवाओं के वितरण के अपने मानकों को बढ़ाने में सक्षम बनाया जा सके।