हवाई यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। वाडिया समूह की कम लागत वाली हवाई सेवा गो एयरलाइंस (इंडिया) अब (गो फर्स्ट) दिवाला याचिका स्वीकार करने के बाद अगले दो हफ्ते में दोबारा उड़ान भर सकती है। इसकी वजह यह भी है कि गो एयरलाइंस के सीईओ कौशिक खोना ने भी कहा था कि याचिका स्वीकार करने के बाद एयरलाइन जल्द ही 7/8 दिनों में अपने विमानों के साथ फिर से उड़ान भर सकेगी। आपको बता दें कि बुधवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने गो एयरलाइंस द्वारा दायर स्वैच्छिक दिवाला याचिका को स्वीकार करते अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया था।
आईआरपी के साथ सहयोग करने का निर्देश
एनसीएलटी, नई दिल्ली की प्रधान पीठ ने भी कंपनी के लिए स्थगन की घोषणा की और निलंबित निदेशक मंडल को आईआरपी के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। एनसीएलटी ने निलंबित प्रबंधन को आईआरपी के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करने का भी आदेश दिया है, ताकि जल्द ही बनने वाली कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) द्वारा समायोजित किए जाने वाले तत्काल खर्चो को पूरा किया जा सके। इसने कंपनी को अपने किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने का भी आदेश दिया था।
208 करोड़ अभी तक नहीं मिली
संचालन को फिर से शुरू करने के लिए धन के संबंध में गो एयरलाइंस के सीईओ कौशिक खोना ने पहले बताया था कि कंपनी को इमरजेंसी लाइन क्रेडिट गारंटी स्कीम (ईएलसीजीएस) के तहत स्वीकृत 1,500 करोड़ रुपये में से 208 करोड़ रुपये की शेष राशि अभी तक नहीं मिली है। उनके अनुसार, एयरलाइन को अपने संचालन के लिए प्रतिदिन लगभग 17-18 करोड़ रुपये की जरूरत होती है, क्योंकि व्यापार भागीदार आवश्यक वस्तुएं-ईंधन और अन्य-नकद और कैरी के आधार पर प्रदान कर सकते हैं। बुधवार को एयरलाइन ने 19 मई तक उड़ान रद्द करने के विस्तार की घोषणा की थी।