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Good for India: फिच रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी का अनुमान बढ़ाया, होगा यह फायदा

आपको बता दें कि पूरी दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था ससबे तेज गति से बढ़ रही है। इस बात को अब तमाम रेटिंग मानने लगे हैं। फिच ने भी यह बदलाव भारत की तेज विकास रफ्तार को देखने के बाद ही किया है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: June 22, 2023 12:59 IST
फिच रेटिंग- India TV Paisa
Photo:PTI फिच रेटिंग

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। ग्लोबल एजेंसी फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था ससबे तेज गति से बढ़ रही है। इस बात को अब तमाम रेटिंग एजेंसी मानने लगे हैं। फिच ने भी यह बदलाव भारत की तेज विकास रफ्तार को देखने के बाद ही किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी बीते वर्ष की चौथी तिमाही में अनुमान से बेहतर रही थी। चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1% रही थी। फिच ने विकास का अनुमान वित्त वर्ष 2023 के 7.2% को देखते हुए किया है। वित्त वर्ष 22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।

भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मजबूत 

रेटिंग एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से मजबूत है। 2023 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह सालाना आधार 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। हाल के महीनों में वाहन बिक्री के आंकड़े बेहतर रहे हैं। इसके अलावा पीएमआई सर्वे और ऋण की वृद्धि भी मजबूत रही है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष के लिए हमने वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है।’’ इससे पहले फिच ने मार्च में ऊंची मुद्रास्फीति और ऊंची ब्याज दरों तथा कमजोर वैश्विक मांग के मद्देनजर 2023-24 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.2 से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था। 

2025-26 में वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान

फिच ने कहा कि 2024-25 और 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जनवरी-मार्च की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर उम्मीद से अधिक रही है। इसके अलावा दो तिमाहियों की गिरावट के बाद विनिर्माण क्षेत्र की स्थिति भी सुधरी है। व्यय की दृष्टि से देखा जाए, तो जीडीपी की वृद्धि को घरेलू मांग से समर्थन मिलेगा। 

जीडीपी की रफ्तार तेज होने पर ये मिलेंगे फायदे 

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारती की जीडीपी रफ्तार बढ़ने से बाजार में मांग बढ़ेगी। मांग को पूरा करने के लिए कंपनियां प्रोडक्शन बढ़ाएंगी। इसके लिए उनको मैनपावर की जरूरत होगी। यानी मार्केट में नौ​करियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरी मिलेगी। इसके साथ ही विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में निवेश के लिए आकर्षित होंगे। 

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