स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने पर निर्णय लेने के लिए मंत्रिसमूह की पहली बैठक 19 अक्टूबर को होगी। शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। मौजूदा समय में बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है और कर में छूट या कमी करने की मांग की जा रही है। जीएसटी परिषद ने इस महीने की शुरुआत में अपनी बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स के बारे में फैसला लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्रिसमूह गठित करने का निर्णय लिया।
बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं संयोजक
खबर के मुताबिक, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मंत्रिसमूह के संयोजक हैं। इस समूह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं। मंत्रिसमूह को अक्टूबर के आखिर तक परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। मंत्रिसमूह की रिपोर्ट के आधार पर नवंबर में होने वाली अगली बैठक में बीमा प्रीमियम पर कराधान पर परिषद द्वारा अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है। अधिकारी ने कहा कि बीमा पर जीएसटी पर जीओएम की बैठक 19 अक्टूबर को दिल्ली में होगी।
इन पर भी दिया जाएगा सुझाव
पैनल के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) में वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग, मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित स्वास्थ्य/चिकित्सा बीमा की कर दर का सुझाव देना भी शामिल है। टीओआर में टर्म इंश्योरेंस, निवेश योजनाओं के साथ जीवन बीमा, चाहे व्यक्तिगत हो या समूह और पुनर्बीमा सहित जीवन बीमा पर कर दरों का सुझाव देना भी शामिल है। पश्चिम बंगाल सहित कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की थी, जबकि कुछ अन्य राज्य कर को घटाकर 5 प्रतिशत करने के पक्ष में थे।
यहां तक कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी जुलाई में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।
जीएसटी के माध्यम इतनी रकम हुई जमा
वित्त वर्ष 2023-24 में, केंद्र और राज्यों ने 8,262 करोड़ रुपये एकत्र किए। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के माध्यम से 94 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए। अगस्त में लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के जवाब में सीतारमण ने कहा था कि एकत्र किए गए जीएसटी का 75 प्रतिशत राज्यों को जाता है और विपक्षी सदस्यों को अपने राज्य के वित्त मंत्रियों से जीएसटी परिषद में प्रस्ताव लाने के लिए कहना चाहिए।