Saturday, October 19, 2024
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GOM की आज हो रही है बैठक, क्या आज इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST घटाने का होगा फैसला? जानें

पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी लगाकर 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था। वहीं स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: October 19, 2024 8:34 IST
GST on Insurance - India TV Paisa
Photo:FILE प्रीमियम पर इंश्योरेंस

देश के लाखों इंश्योरेंस खरीदने वाले लोगों को आज बड़ी सौगात मिल सकती है। दरअसल, आज जीएसटी दरों को स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर दर कम करने के बारे में सुझाव देने के लिए गठित दो मंत्री समूहों (GOM) की बैठक है। स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर दर कम करने पर गठित जीओएम की यह पहली बैठक होगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई वाला मंत्री समूह बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 प्रतिशत से कम करने के बारे में सुझाव देगा। बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% करने की मांग की जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीवन एवं चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने की मांग की थी। उम्मीद है कि सरकार लाखों लोगों को राहत दे सकती है और इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी घटाने की मांग मान सकती है। 

5% के स्लैब में अधिक वस्तु को लाने पर चर्चा 

चौधरी की अगुवाई में एक अन्य मंत्री समूह की भी बैठक होगी जिसे जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित किया गया था। इस बैठक में 12 प्रतिशत स्लैब को कम करने, अधिक वस्तुओं को पांच प्रतिशत कर के दायरे में लाने, चिकित्सा एवं औषधि से संबंधित वस्तुओं, साइकिल और बोतलबंद पानी पर करों को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा होगी। यह मंत्री समूह 12 और 18 प्रतिशत की दरों के विलय की संभावना पर भी चर्चा कर सकता है। छह सदस्यीय समूह में आम लोगों के इस्तेमाल वाली वस्तुओं पर कर की दर कम करने से राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए गैस-युक्त (एयरेटेड) पानी और पेय पदार्थों जैसी वस्तुओं पर दरें बढ़ाने पर चर्चा होगी। फिलहाल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में करों की चार-स्तरीय संरचना है जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें हैं। 

अक्टूबर के अंत तक रिपर्ट देना होगा

जीएसटी के तहत आवश्यक वस्तुओं को या तो कर से छूट दी जाती है या फिर सबसे कम स्लैब में रखा जाता है। वहीं विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं को सबसे ऊंचे कर स्लैब में रखा जाता है। इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 प्रतिशत से कम करने की संभावना तलाशने के लिए भी एक मंत्री समूह गठित किया था। इस समूह को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। यह जीओएम बुजुर्गों, मध्यम वर्ग और मानसिक बीमारी वाले लोगों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित स्वास्थ्य/चिकित्सा बीमा की कर दर के बारे में सुझाव देगा। पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाकर 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था। वहीं स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।

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