देश में सोने की कीमत अब तक के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद गिरी है। अप्रैल 2023 के लिए सोने का वायदा अनुबंध 56,780 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर रहा, जो रिकॉर्ड हाई 58,847 रुपये से लगभग 2,000 रुपये सस्ता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पीली धातु की कीमत 1,852 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद 1,865 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बंद हुई। चांदी की कीमतें भी पूरे सप्ताह दबाव में रहीं और एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। ऐसे में क्या सोने में अभी निवेश करना फायदे का सौदा होगा या इंतजार करना बेहतर होगा। आइए, जानते हैं कि क्या है विशेषज्ञों की राय।
सर्राफा विशेषज्ञों का क्या कहना है?
सर्राफा बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड ने ओवरसोल्ड जोन से रिबाउंड किया है। इससे सोने की कीमतों की तेजी पर ब्रेक लगा दिया है। इसके बावजूद सोने की कीमत के लिए माहौल सकारात्मक है और किसी भी 'गिरावट पर खरीदारी' की रणनीति बनाए रखनी चाहिए। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट-रिसर्च अनुज गुप्ता ने कहा, बीते हफ्ते में, अमेरिकी डॉलर की दरों और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में अपने ओवरसोल्ड जोन से उछाल देखा गया। इससे सोने पर ब्रेक लगा। हालांकि, आने वाले समय में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है।
55 हजार के आसपास खरीदारी करें
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमत 56,500 रुपये प्रति 10 ग्राम टिका हुआ है। हालांकि, इससे अगर नीचे गिरकर सोने का भाव 55,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आता है तो वह खदीदारी करने का सही समय होगा। आने वाले दिनों में सोने पर दबाव देखने को मिल सकता हैं। ऐसे में अगर सोने का भाव एक बार फिर 55 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम आता है तो खरीदारी की जा सकती है। अगले तीन से चार महीने में सोने का भाव 57 हजार प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। वहीं, चांदी की कीमत 72 हजार प्रति किलोग्राम तक जा सकती है।