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Gold Price : सोने में आने वाला है तेजी का बवंडर, जल्द 1,00,000 रुपये तोला पहुंच सकते हैं दाम, यह है वजह

Gold Prices Forecast : कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में सोने में काफी बड़ी तेजी देखने को मिलेगी। कुछ लोग यह भी कह रहे कि 24 कैरेट सोने के भाव धनतेरस तक 1 लाख रुपये तोला पहुंच जाएंगे।

Written By: Pawan Jayaswal
Updated on: June 29, 2024 11:20 IST
सोने की कीमतें- India TV Paisa
Photo:REUTERS सोने की कीमतें

Gold Prices Forecast : अगर घर में सोना रखा हो तो आदमी चैन की नींद सो सकता है। आपने बुजुर्गों से यह कहावत जरूर सुनी होगी। लेकिन शादी-ब्याह के लिये जेवर खरीदने जाने वालों का चैन छिन गया है। दाम हैं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे। शादियों में जेवर के लिये बजट दिनों-दिन बढ़ाना पड़ रहा है। इस समय 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव 72,550 रुपये प्रति 10 ग्राम है। यानी 84,535 रुपये प्रति तोला। एक तोले में 11.6638 ग्राम होता है। कीमतें जिस तरह से बढ़ रही हैं, उससे वह दिन दूर नहीं रह गया है, जब आपको 1 तोला सोने के लिए 1 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। आइए जानते हैं कि वे क्या कारण हैं, जिससे आने वाले समय में सोने की कीमतें रॉकेट बन सकती हैं।

रिटर्न है दमदार

पिछले रिटर्न की बात करें, अक्टूबर 2023 से लेकर अब तक यानी सिर्फ 8 महीने में सोना 35 फीसदी रिटर्न दे चुका है। फरवरी के मध्य से अब तक यह करीब 22 फीसदी रिटर्न दे चुका है। अधिकर कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में सोने में काफी बड़ी तेजी देखने को मिलेगी। कुछ लोग यह भी कह रहे कि 24 कैरेट सोने के भाव धनतेरस तक 1 लाख रुपये तोला पहुंच जाएंगे।

सोने में क्यों आ सकती है बड़ी तेजी

दुनिया की दिग्गज कमोडिटी रिसर्च फर्म जीएससी कमोडिटी एंटेलिजेंस ने 250 फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस का एक सर्वे किया है। इस सर्वे से यह निकल कर आया कि दुनिया में कर्ज बहुत बढ़ गया है। कोरोना महामारी के बाद इकोनॉमी में डिमांड बढ़ाने के लिए देशों ने खूब नोट छापे, लोगों को बेहद कम रेट पर पैसा दिया। इससे कर्ज काफी बढ़ गया। इस समय दुनिया के देशों पर करीब 310 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज है। अब कर्ज बढ़ने पर इकोनॉमी को लेकर रिस्क बढ़ने लगता है। करेंसी को संभालना मुश्किल हो जाता है। महंगाई बढ़ने लगती है। ऐसे में सेंट्रल बैंक्स को इकोनॉमी को स्थिरता देने के लिए सेफ हैवन एसेट चाहिए होता है और वह सोना है, तो दुनिया के केंद्रीय बैंक जमकर सोना खरीद रहे हैं।

डी-डॉलरीकरण

केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़ी मात्रा में सोना खरीदने का एक दूसरा कारण है डी-डॉलरीकरण। अमेरिका की इकोनॉमी में सुस्ती और वहां कर्ज बहुत अधिक बढ़ जाने से डॉलर की इंपोर्टेंस गिरने की आंशका बनी हुई थी। ऐसे में डॉलर को हैज करने के लिए गोल्ड का विकल्प सबसे बेस्ट माना गया और सेंट्रल बैंकों ने जमकर सोना खरीदा।

रिटेलर्स भी जमकर खरीद रहे सोना

सेंट्रल बैंक ही नहीं रिटेलर्स और इंस्टीट्यूशंस भी जमकर सोना खरीद रहे हैं। पेपर गोल्ड की भी भारी डिमांड है। Costco अमेरिका की एक दिग्गज गोल्ड बार कंपनी है। कंपनी ने बताया कि उसके यहां सिंतबर से लेकर अब तक गोल्ड बार हाथों-हाथ बिक जाते हैं। जैसे ही स्टोर में गोल्ड बार आती है, सारी ग्राहकों द्वारा खरीद ली जाती है। कंपनी 20 करोड़ डॉलर की गोल्ड बार हर महीने बेच रही है और इसमें 50 फीसदी की और बढ़ोतरी होने की संभावना है। भारत में भी लोग खूब जूलरी खरीद रहे हैं।

2700 डॉलर तक जा सकती है कीमत

जहां एक तरफ भू-राजनैतिक तनाव, डॉलर हैज, बढ़ती महंगाई और सेंट्रल बैंक की खरीदारी से सोने की डिमांड बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ माइनर्स के पास गोल्ड की इन्वेंट्री कम है। ऐसे में दाम बढ़ रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि 24 दिसंबर तक सोने की वैश्विक कीमत 2700 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। कुछ ब्रोकरेज फर्म्स 3000 डॉलर का भी अनुमान दे रही हैं। टेक्निकल चार्ट पर भी सोने में ब्रेकआउट देखा गया है। ऐसे में आपको जल्द ही सोने के भाव एक लाख रुपये तोला होते दिख सकते हैं।

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