साल 2024 खत्म होने को है और अब निवेशक इस साल अलग-अलग एसेट्स से मिले रिटर्न का कैलकुलेशन करने में लगे हैं। आंकड़े बड़े दिलचस्प हैं। सोने ने इस साल भी रिटर्न के मामले में शेयर मार्केट को पीछे छोड़ दिया है। सोने ने भारतीय शेयर बाजार की प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स से ज्यादा रिटर्न दिया है। मुनाफे का यह अंतर भी काफी बड़ा है। निफ्टी-50 इंडेक्स ने इस साल करीब 8.50 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि सेंसेक्स ने 8 फीसदी रिटर्न दिया है। निफ्टी बैंक इंडेक्स ने तो इस साल सिर्फ 5.25 फीसदी रिटर्न ही दिया। इसके विपरीत सोने (एमसीएक्स गोल्ड) ने इस साल 21 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है। वहीं, वैश्विक स्तर पर गोल्ड ने 27 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है।
ये रहे सोने में तेजी के कारण
यूएस फेड रेट कट सायकल, भू-राजनीतिक तनाव, अधिकांश सेंट्रल बैंक्स की खरीदारी, निवेशकों की बढ़ती डिमांड और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में ट्रंप की जीत से ट्रेड वॉर बढ़ने का डर जैसे कुछ प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से सोने में तेजी आई। मैक्रोइकोनॉमिक, भू-राजनीतिक और इन्वेस्टमेंट रिलेटेड फैक्टर्स के एक साथ आने से साल 2024 में सोने ने अच्छा रिटर्न दिया। सोने ने इस साल इंडिविजुअल औरं इंस्टीट्यूशनल दोनों तरह के निवेशकों को जोरदार मुनाफा दिया है। ग्लोबल मार्केट में सोना 2790 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं, घरेलू मार्केट में यह 79,775 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। सोने ने ग्लोबल मार्केट में करीब 27 फीसदी और घरेलू मार्केट में 21 फीसदी रिटर्न देकर दूसरी सभी एसेट क्लास को पीछे छोड़ दिया।
क्या 2025 में भी बढ़ेंगे दाम?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, सोना अगले साल भी महंगाई के खिलाफ हेज के रूप में इस्तेमाल होता रहेगा। लेकिन इसे यूएस ट्रेजरी यील्ड, फॉरेक्स मार्केट और बिटकॉइन जैसे कुछ वर्चुअल एसेट्स से भी कंपीट करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार और गोल्ड दोनों के लिए साल 2025 में ट्रंप फैक्टर महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि ट्रेड वॉर बढ़ने की आशंका है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुज गुप्ता का कहना है कि 2025 में भी सोना महंगाई के खिलाफ हेज के रूप में काम आता रहेगा। उन्होंने कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप के आने से ट्रेड वॉर बढ़ने की आशंका है, जो सोने को सपोर्ट करेगा। ट्रंप यूएस इकोनॉमी को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाएंगे। ऐसे में यूएस डॉलर के हाई बने रहने की उम्मीद है। इसलिए सोने को यूएस ट्रेजरी यील्ड और फॉरेक्स मार्केट के रिटर्न से चुनौतियां भी मिलेंगी। सोने को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसीज से भी कंपीट करना होगा। हालांकि, ट्रेड वॉर से भूराजनीतिक तनाव बढ़ेंगे।'