दिवालिया हो चुकी गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइंस एक बार फिर से उड़ान भरने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों खबर आई थी कि उनने अपने 400 पायलट को नियमित सैलरी देने का वादा करते हुए फिर से उड़ान शुरू करने की बात कही थी। इस बीच गो फर्स्ट ने DGCA को एक बार फिर उड़ान भरने के लिए 6 महीने का एक प्लान सौंपा है। इसमें कहा गया है कि नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी 26 विमानों और 152 दैनिक उड़ानों के साथ परिचालन शुरू करने को तैयार है। हालांकि इसमें कुछ सीमित रूट पर परिचालन की बात कही गई है।
कंपनी ने विमानन नियामक डीजीसीए को रिवाइवल की योजना सौंप दी है। इसके अलावा, एयरलाइन कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिये कोष को वित्तीय संस्थानों के साथ भी बातचीत कर रही है। स्वैच्छिक ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया से गुजर रही एयरलाइन ने तीन मई से उड़ानें बंद कर दी थीं और उसे कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और पायलटों का भुगतान करना बाकी है। एक सूत्र ने कहा कि कंपनी का वेतन मद में खर्च करीब 30 करोड़ रुपये महीना है।
कंपनी के कर्मचारियों की संख्या फिलहाल करीब 4,700 है। कई कर्मचारियों ने एक महीने में इस्तीफा दिया है। एक महीने पहले कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 5,000 थी। उन्होंने कहा कि एयरलाइन पुनरुद्धार योजना के लिये नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से मंजूरी का इंतजार कर रही है। नियामक से मंजूरी के तुरंत बाद परिचालन शुरू होगा। एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुनरुद्धार योजना पर डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की है।
सूत्र ने कहा, ‘‘डीजीसीए को इस सप्ताह सौंपी गयी योजना के तहत गो फर्स्ट 26 विमानों के बेड़े के साथ परिचालन शुरू करने पर विचार कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि इस बेड़े के साथ एयरलाइन 152 दैनिक उड़ानों के साथ परिचालन करेगी। तीन मई को उड़ानों का परिचालन बंद करने से पहले कंपनी 200 दैनिक उड़ानों का परिचालन कर रही थी। सूत्र ने कहा कि नियामक ने पुनरुद्धार योजना को लेकर कुछ सवाल उठाये थे और स्पष्टीकरण मांगे थे। उनका समाधान कर दिया गया है।