राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गो फर्स्ट के निलंबित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से कर्ज में डूबी इस कंपनी के लिक्विडेशन पर तीन हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। एनसीएलटी की दिल्ली बेंच ने मंगलवार को बंद हो चुकी एयरलाइन कंपनी के निलंबित मैनेजमेंट को नोटिस जारी किया और मामले को अक्टूबर के पहले हफ्ते में सुनवाई के लिए लिस्ट करने का आदेश दिया।
उचित खरीदार न मिलने पर किया गया था गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का अनुरोध
एनसीएलटी का ये आदेश गो फर्स्ट (पहले गो एयर) के समाधान पेशेवर की तरफ से दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) की धारा 33 (1) के तहत दायर एक आवेदन पर आया है। निर्धारित समयसीमा में उचित खरीदार खोज पाने में कर्जदाताओं के नाकाम रहने के आधार पर इस आवेदन में गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का अनुरोध किया गया था।
बहुमत से लिया गया गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का फैसला
आवेदन पर सुनवाई के दौरान गो फर्स्ट के वकील ने एनसीएलटी को दी गई सूचना में बताया कि ऋणदाताओं की समिति ने कंपनी के परिसमापन (लिक्विडेशन) का बहुमत से फैसला लिया है। एनसीएलटी ने बंद हो चुकी इस एयरलाइन की दिवाला प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जून में 60 दिन का एक्सटेंशन दिया था।
एनसीएलटी ने पिछले साल मई में स्वीकार की थी गो फर्स्ट की दिवाला याचिका
कर्ज समाधान प्रक्रिया पूरा करने के लिए गो फर्स्ट को दिया गया ये चौथा एक्सटेंशन था। एनसीएलटी ने 10 मई, 2023 को गो फर्स्ट की दिवाला याचिका स्वीकार कर ली थी। एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए पिछले साल 3 मई, 2023 को अपनी सभी फ्लाइट्स को ऑपरेट करना बंद कर दिया था। मई 2023 में गो फर्स्ट की फ्लीट में कुल 59 एयरक्राफ्ट शामिल थे। इनमें 54 Airbus A320neo और 5 Airbus A320 विमान थे।
पीटीआई इनपुट्स के साथ