हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को अचानक इजराइल (Israel) पर हमला कर दिया था। इसके बाद इजराइल ने गाजा पर जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की। इजराइल-फिलिस्तीन के बीच यह ताजा विवाद शुरू होने के बाद से हूती विद्रोही (Houthi rebels) अब तक कुल 15 कारोबारी जहाजों पर हमला कर चुके हैं। हाल ही में सउदी अरब से भारत आ रहे एक जहाज को निशान बनाया गया है। हूती विद्रोहियों द्वारा किये गए ये ज्यादातर हमले लाल सागर (Red Sea) में हुए हैं। इन हमलों ने शिपिंग कंपनियों की नींद उड़ा दी है। साथ ही ये हमले ग्लोबल इकनॉमी (Global economy) के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे।
ड्रोन और मिसाइलों से हो रहे हमले
हूती विद्रोही जहाजों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले कर रहे हैं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अनुसार 23 दिसंबर को भी हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग के रास्तों पर 2 एंटी बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से होकर इजराइल जाने वाले सभी जहाजों पर हमले करने की चेतावनी दी हुई है। आपने नवंबर में एक वीडियो देखी होगी, जिसमें हूती विद्रोही लाल सागर में एक मालवाहक जहाज को हाइजैक करते दिख रहे थे। नवंबर में ही इन विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप को अपने कब्जे में ले लिया था।
ग्लोबल इकॉनमी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है लाल सागर?
लाल सागर दुनियाभर के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री रास्तों में से एक है। स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। स्वेज नहर से हर साल 17,000 जहाज गुजरते हैं। 12 फीसदी सालाना वैश्विक कारोबार लाल सागर से होता है। लाल सागर से 10 खरब डॉलर के सामान का आयात-निर्यात होता है। भारत की बात करें, तो इसका स्वेज नहर और लाल सागर के रास्ते करीब 200 अरब डॉलर का व्यापार होता है।
ग्लोबल सप्लाई चेन पर संकट-बढ़ेगी महंगाई
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों से ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित हो सकती है। इससे क्रूड ऑयल और दूसरे जरूरी उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे महंगाई आएगी। ऐसे में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पडे़गा। एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में सप्लाई चेन रिसर्च के हेड क्रिस रॉजर्स ने कहा कि लाल सागर में जहाजों के लंबा रास्ता लेने के कारण कंज्यूमर गुड्स की सप्लाई पर बहुत बड़ा असर देखने को मिलेगा। हर जहाज को 10 दिन अधिक सफर करना पड़ेगा। इससे कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। भारत के निर्यातकों के अनुसार लाल सागर में चल रहे मौजूदा सुरक्षा खतरे की वजह से यूरोप और अफ्रीका जाने वाले भारतीय सामान का भाड़ा करीब 25-30% बढ़ सकता है। उधर अधिकतर बीमा कंपनियों ने लाला सागर से गुजरने वाले जहाजों को बीमा देने से मना कर दिया है।
डरी हुई हैं शिपिंग कंपनियां
लाल सागर में जहाजों पर हो रहे हमलों से शिपिंग कंपनियां डरी हुई हैं। दुनिया की सबसे बड़ी मालवाहक कंपनी मेडिटेरेनियन शिपिंग ने कहा है कि वह लाल सागर से अपने जहाज हटा रही है। फ्रांसीस कंपनियों सीएमएम सीडीएम, जर्मनी की हैपेग-लॉयड, डेनमार्क की मेर्स्क और तेल कंपनी बीपी ने भी यही फैसला लिया है। इन कंपनियों ने अब लंबे रास्तों से अपने जहाजों को भेजना शुरू किया है। इससे लागत और समय दोनों ही काफी अधिक बढ़ गया है।
कौन हैं हूती विद्रोही?
हूती विद्रोही यमन के अल्पसंख्यक शिया 'जैदी' समुदाय का एक ग्रुप है। इनके पास कई तरह के हथियार हैं। इस ग्रुप का गठन 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ाई के लिए किया गया था। हूती विद्रोही अमेरिका, इजराइल और यहूदियों को अपना दुश्मन मानते हैं। हूती खुद को ईरान सपोर्टर भी बताते हैं।