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वैश्विक मंदी की आहट ने बिगाड़ा माहौल, 93% CEO कॉस्ट घटाने की तैयारी में, घटेंगे नए जॉब के अवसर

ज्यादातर कंपनियों की अपने कर्मचारियों की संख्या या वेतन में कटौती की योजना नहीं है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: January 17, 2023 12:51 IST
डब्ल्यूईएफ- India TV Paisa
Photo:PTI डब्ल्यूईएफ

वैश्विक मंदी की आहट ने दुनियाभर में माहौल खराब करने का काम किया है। इसका असर भारतीय बाजार पर होता दिखाई दे रहा है। बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच बड़ी संख्या में भारतीय सीईओ ऑपरेशनल कॉस्ट कम कर रहे हैं या कम करने की योजना बना रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इससे आने वाले दिनों में नए जॉब के अवसर में कमी आ सकती है। हालांकि, देश की आर्थिक संभावनाओं को लेकर वे अन्य देशों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों की तुलना में अधिक आशान्वित हैं। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के पहले दिन सोमवार को सलाहकार कंपनी पीडब्ल्यूसी द्वारा जारी वैश्विक सीईओ सर्वे में यह निष्कर्ष निकलकर आया है। 

कर्मचारियों की संख्या में कटौती की योजना नहीं 

हालांकि, ज्यादातर कंपनियों की अपने कर्मचारियों की संख्या या वेतन में कटौती की योजना नहीं है। सर्वेक्षण में 10 में से चार (वैश्विक स्तर पर 40 प्रतिशत और भारत में 41 प्रतिशत) मुख्य कार्यपालक अधिकारियों ने कहा कि यदि वे मौजूदा रास्ते पर चलते रहते हैं, तो उन्हें नहीं लगता कि 10 साल बाद उनकी कंपनी आर्थिक रूप से व्यवहार्य रह जाएगी। मौजूदा परिदृश्य पर 93 प्रतिशत भारतीय सीईओ ने कहा कि वे अपनी परिचालन लागत घटा रहे हैं या घटाने की योजना बना रहे हैं। 85 प्रतिशत वैश्विक और एशिया-प्रशांत के 81 प्रतिशत सीईओ ने भी कुछ इसी तरह की राय जताई। लगभग 78 प्रतिशत भारतीय सीईओ ने कहा कि अगले 12 माह में वैश्विक आर्थिक वृद्धि में गिरावट आएगी। वैश्विक स्तर पर 73 प्रतिशत और एशिया-प्रशांत के 69 प्रतिशत सीईओ ने भी यही राय व्यक्त की। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य निराशाजनक रहने की आशंका के बावजूद भारत के 10 में से पांच से ज्यादा यानी 57 प्रतिशत सीईओ अगले एक साल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को लेकर आशान्वित दिखे। 

साइबर सुरक्षा पर निवेश बढ़ा रहे 

इसकी तुलना में एशिया प्रशांत के केवल 37 प्रतिशत और वैश्विक स्तर पर और कम यानी 29 प्रतिशत सीईओ अगले 12 महीनों में अपने देशों या क्षेत्रों में आर्थिक वृद्धि को लेकर आशान्वित थे। पीडब्ल्यूसी ने कहा कि भू-राजनीतिक चिंता के बीच मुख्य कार्यपालक अधिकारी इसकी वजह से होने वाली अड़चनों को भी अपनी योजना में शामिल कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि यूरोप में तनाव के बीच वे क्या करेंगे, 67 प्रतिशत भारतीय सीईओ ने कहा कि वे अपनी आपूर्ति श्रृंखला का समायोजन कर रहे हैं। वहीं 59 प्रतिशत का कहना था कि वे अपने उत्पादों और सेवाओं में विविधता ला रहे हैं, जबकि 50 प्रतिशत ने कहा कि वे साइबर सुरक्षा और डेटा निजता पर निवेश बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा 48 प्रतिशत मुख्य कार्यपालक अधिकारियों ने मौजूदा बाजारों में मौजूदगी बढ़ाने या नए बाजारों में विस्तार की बात कही। यह सर्वेक्षण 105 देशों और क्षेत्रों के 4,410 मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के बीच किया गया। इनमें 68 भारतीय सीईओ है। सर्वेक्षण अक्टूबर-नवंबर, 2022 के दौरान हुआ था। 

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