Highlights
- गौतम अडाणी का समूह दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल
- दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई, 2022 से शुरू हो रही है
- अडाणी बंदरगाह से लेकर कोयला, ऊर्जा वितरण और विमानन क्षेत्र में हैं
Gautam Adani News: भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में करीब 6 साल बाद एक और जंग की बिसात बिछती दिख रही है। देश का टेलीकॉम सेक्टर जो फिलहाल चार कंपनियों जियो, एयरटेल, वोडा आइडिया और बीएसएनएल तक सिमट गया है, अब इस सेक्टर में एक नए प्लेयर की एंट्री होने जा रही है। देश के अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी का समूह अप्रत्याशित रूप से दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पांचवीं पीढ़ी या 5जी दूरसंचार सेवाओं जैसे तेज इंटरनेट प्रदान करने में सक्षम इन एयरवेव की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन शुक्रवार को कम से कम चार आवेदकों के साथ बंद हुए। ये नीलामी 26 जुलाई को होनी है। मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार क्षेत्र की तीन निजी कंपनियों - जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने आवेदन किया है। सूत्रों में से एक ने कहा कि चौथा आवेदक अडाणी समूह है।
समूह ने हाल ही में राष्ट्रीय लंबी दूरी (एनएलडी) और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (आईएलडी) के लिए लाइसेंस हासिल किया था। लेकिन, स्वतंत्र रूप से इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी है। इस संबंध में अडाणी समूह को भेजे गए ईमेल और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला। नीलामी की समय सीमा के अनुसार आवेदकों के स्वामित्व का विवरण 12 जुलाई को प्रकाशित किया जाएगा।
26 जलाई से शुरू होगी 5G नीलामी
दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई, 2022 से शुरू हो रही है और इस दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की जाएगी। अंबानी और अडाणी, दोनों गुजरात के रहने वाले हैं और उन्होंने बड़े कारोबारी समूह बनाए हैं। हालांकि, अभी तक दोनों का किसी व्यवसाय में सीधा आमना-सामना नहीं हुआ था।
कहां कहां अंबानी अडाणी की टक्कर
अंबानी का कारोबार तेल और पेट्रोकेमिकल से दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र तक फैला है, वहीं अडाणी बंदरगाह से लेकर कोयला, ऊर्जा वितरण और विमानन क्षेत्र में विस्तार किया। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि दोनों के हित काफी व्यापक होते जा रहे हैं, और अब उनके बीच संघर्ष के लिए मंच तैयार है। अडाणी ने हाल के महीनों में पेट्रोकेमिकल कारोबार में प्रवेश के लिए एक सहायक कंपनी बनाई है। दूसरी ओर अंबानी ने भी ऊर्जा कारोबार में कई अरब डॉलर की योजनाओं की घोषणा की है।