Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महीने की शुरुआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में नीतिगत दर को स्थिर रखने की वकालत करते हुए कहा था कि महंगाई को निर्धारित दायरे के भीतर लाने में अभी आधी कामयाबी ही मिल पाई है। गत छह-आठ जून को हुई एमपीसी बैठक में नीतिगत रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया गया था। यह लगातार दूसरा मौका था जब रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। बृहस्पतिवार को सामने आए एमपीसी बैठक के ब्योरे के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत के वृहद-आर्थिक आधार मजबूत हो रहे हैं और वृद्धि संभावनाएं लगातार बेहतर हो रही हैं और उनका विस्तार हो रहा है।
ये है पूरी रिपोर्ट
उन्होंने बैठक में कहा कि महंगाई कम हुई है और बाह्य क्षेत्र का परिदृश्य बेहतर हुआ है। बैंकों और कंपनियों के बहीखाते लचीले एवं स्वस्थ दिखाई देते हैं जिससे वृद्धि के लिए दोहरे बहीखाता लाभ की स्थिति बनती दिख रही है। दास ने कहा कि महंगाई को निर्धारित सीमा के भीतर लाने का हमारा काम अभी आधा ही हुआ है। महंगाई के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। हमें उभरते महंगाई-वृद्धि परिदृश्य का आकलन करने की जरूरत है और जरूरत होने पर कदम उठाने के लिए तैयार रहें। एमपीसी बैठक के ब्योरे के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौजूदा दौर की अनिश्चितताओं को देखते हुए नीतिगत दर में बढ़ोतरी के इस चक्र में भावी कदम के बारे में कोई निश्चित मार्गदर्शन दे पाना मुश्किल है।
महंगाई अंडर कंट्रोल
सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई को दो प्रतिशत घटबढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। इस बीच, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई मई में घटकर 4.25 फीसदी पर आ गयी। एमपीसी बैठक में रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के पक्ष में मतदान करते समय डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा कि इसे तेज उछाल वाली पिच पर बीच का स्टंप गॉर्ड लेने की एहतियाती कोशिश के रूप में देखा जाना चाहिए।