वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की अगले सप्ताह स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाली बैठक में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की समेत दुनिया भर के 60 शीर्ष राजनेता संबोधित करेंगे। जिनेवा स्थित विश्व आर्थिक मंच ने मंगलवार को विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि बैठक में विभिन्न देशों की सरकारों के 350 नेताओं सहित 130 से अधिक देशों के लगभग 3,000 लोग भाग लेंगे। भारत के पांच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, सी आर पाटिल, के राम मोहन नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी और तीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, एन चंद्रबाबू नायडू और रेवंत रेड्डी के साथ-साथ राज्यों के अन्य मंत्री शामिल होंगे।
100 से अधिक CEO हिस्सा लेंगे
साथ ही बैठक में 100 से अधिक सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) शामिल होंगे। डब्ल्यूईएफ ने कहा कि 20 जनवरी से शुरू होने वाली पांच दिवसीय बैठक में वृद्धि को पटरी पर लाने, नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के उपायों पर मंथन किया जाएगा। डब्ल्यूईएफ के संस्थापक और चेयरमैन क्लाउस श्वाब ने कहा, दावोस बैठक अपने-आप में अनूठी है। इसमें सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के नीति-निर्माण से जुड़े करीब 3,000 लोग शामिल होंगे। ये सभी दुनिया के समक्ष विभिन्न चुनौतियों के समाधान के लिए एकत्रित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, विभिन्न परिस्थितियों और बड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद, इस साल होने वाली सालाना बैठक सहयोग और रचनात्मक उम्मीद की भावना को बढ़ावा देगी। इसका मकसद नये युग को अधिक टिकाऊ और समावेशी तरीके से आकार देना है।
डब्ल्यूईएफ के अध्यक्ष और सीईओ बोर्गे ब्रेंडे ने कहा, सालाना बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता का महौल है, जिसका कारण तनाव, आर्थिक बिखराव और तेजी से बढ़ती जलवायु परिवर्तन की समस्या है। उन्होंने कहा, इस अस्थिर माहौल में, तत्काल चुनौतियों का समाधान करने और नए अवसरों को खोलने का एकमात्र तरीका नवोन्मेषी और सहकारी दृष्टिकोण है। शीर्ष राजनीतिक नेताओं में, ट्रंप प्रतिभागियों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे।
व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे ये लोग
वहीं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित लोगों में यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, चीन के उप-प्रधानमंत्री डिंग ज़ुएक्सियांग, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रोबर्ट मेत्सोला, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा और स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज शामिल होंगे। स्विस राष्ट्रपति कैरिन केलर-सटर, बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस, इराक के राष्ट्रपति अब्दुलतीफ राशिद, इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोंग, मलेशिया के राष्ट्रपति अनवर इब्राहिम, फलस्तीन राष्ट्रीय प्राधिकरण के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा, सिंगापुर के राष्ट्रपति थरमन षणमुगरत्नम, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह भी मौजूद रहेंगे।