Thursday, September 19, 2024
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हिंदुस्तान जिंक का मार्केट कैप बढ़ाने की तैयारी, कंपनी में इस फॉर्मूले पर चल रहा मंथन

सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक के विभाजन के सिलसिले में सरकार के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही। अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘ तो अब सरकार विभाजन की चर्चा पर वापस आएगी। हां, हमने फिर से चर्चा की है। अब तीन हिस्सों के बजाय दो हिस्से होंगे। ’

Edited By: Sunil Chaurasia
Updated on: September 18, 2024 20:38 IST
कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा ने दिए ताजा अपडेट- India TV Paisa
Photo:INDIA TV कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा ने दिए ताजा अपडेट

वेदांता ग्रुप की सब्सिडरी कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने कंपनी को दो हिस्सों में बांटने करने के प्रस्ताव पर सरकार के साथ नए सिरे से बातचीत की है। इससे पहले, कंपनी को 3 हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव था। हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने बुधवार को कहा कि अलग यूनिट बनाने की कंपनी की पुनर्गठन योजना को रोक दिया गया था क्योंकि सरकार ने बोली का विरोध किया था। बताते चलें कि केंद्र सरकार के पास इस दिग्गज माइनिंग कंपनी में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

बिजनेस ऑपरेशन के किसी भी पुनर्गठन के लिए मंत्रालय की मंजूरी जरूरी

सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक के विभाजन के सिलसिले में सरकार के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही। अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘ तो अब सरकार विभाजन की चर्चा पर वापस आएगी। हां, हमने फिर से चर्चा की है। अब तीन हिस्सों के बजाय दो हिस्से होंगे। ’’ खान मंत्रालय ने पहले कंपनी को एक चिट्ठी लिखकर बताया था कि बिजनेस ऑपरेशन के किसी भी पुनर्गठन के लिए मंत्रालय की मंजूरी की जरूरी होगी।

खान सचिव से हुई थी सीईओ की मुलाकात

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ ने कहा कि हाल ही में वे खान सचिव से मिले थे और सरकार तथा हिन्दुस्तान जिंक दोनों इस विषय पर बातचीत कर रहे हैं जो एक ‘‘बड़ा’’ मुद्दा है। अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘ ये एक बड़ा मुद्दा है। इसके लिए खदानों, ‘स्मेल्टर’ समेत परिसंपत्तियों के पुनर्गठन की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक दोनों कंपनियों को परिसंपत्ति आधारित बनाना चाहती है, ‘‘ ऐसे में परिसंपत्ति का अर्थ है कि खानों, ‘स्मेल्टर’ प्लांट को अलग करना होगा।’’ 

कंपनी का मार्केट कैप बढ़ाने के लिए पिछले साल किया गया था बंटवारे का ऐलान

अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘ अगर हम अलग भी हो जाएं तो भी ऐसी कोई खदान नहीं है जो सिर्फ चांदी उत्पन्न करती हो। ऐसी भी कोई खदानें नहीं है जो सिर्फ जस्ता (Zinc) और सीसा (Lead) पैदा करती हो। इसलिए दोनों के बीच बातचीत होगी। इसलिए ये सभी जटिल मुद्दे हैं जिनपर चर्चा चल रही हैं।’’बताते चलें कि हिंदुस्तान जिंक ने पिछले साल अपने मार्केट कैप को बढ़ाने के लिए अपने बिजनेस को अलग-अलग यूनिट्स में बांटने की योजना की घोषणा की थी।

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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