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देश में रोजगार पाने की काबिलियत की समस्या! इस सेक्टर में 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं

पिछले साल देश में वित्तीय सेवाओं में 46.86 लाख नौकरियां पैदा हुईं। इनमें से सिर्फ 27.5 लाख नौकरियां ही भरी गईं। इससे पता चलता है कि 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं था।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jul 17, 2024 18:34 IST, Updated : Jul 17, 2024 18:37 IST
आज बैंक और वित्तीय सेवा क्षेत्र की लगभग 628 कंपनियों के कार्यालय गिफ्ट सिटी में हैं।
Photo:PIXABAY आज बैंक और वित्तीय सेवा क्षेत्र की लगभग 628 कंपनियों के कार्यालय गिफ्ट सिटी में हैं।

फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैन्डर्ड बोर्ड(एफपीएसबी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कृष्ण मिश्रा ने बुधवार को कहा कि देश में रोजगार पाने की काबिलियत की समस्या है क्योंकि लगभग 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी अगले पांच साल में 1.5 लाख नौकरियां जेनरेट करेगा। अभी यहां करीब 6,000 कर्मचारी वित्तीय सेवा क्षेत्र में हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार के नेशनल करियर सर्विसेज पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल देश में वित्तीय सेवाओं में 46.86 लाख नौकरियां पैदा हुईं। इनमें से सिर्फ 27.5 लाख नौकरियां ही भरी गईं। इससे पता चलता है कि 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं था। इसका कारण रोजगार हासिल करने की काबिलियत है।

ट्रेंड लोगों की जरूरत होती है

उन्होंने कहा कि नौकरियां तो हैं, लेकिन लोग उतने काबिल नहीं हैं कि उसे ले सकें। मिश्रा ने कहा कि बैंकों, बीमा कंपनियों, ब्रोकरेज हाउस और म्यूचुअल फंड कंपनियों को हमेशा ट्रेंड लोगों की जरूरत होती है। अगर आप ऑनलाइन नौकरी खोजते हैं, तो आप पाएंगे कि उपलब्ध प्रमाणित वित्तीय नियोजकों (सीएफपी) की संख्या की तुलना में लगभग 40 गुना अधिक नौकरियां हैं। एफपीएसबी इंडिया, फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड लि.(एफपीएसबी लिमिटेड) की भारतीय सब्सिडियरी कंपनी है। यह वित्तीय नियोजन पेशे के लिए वैश्विक मानक-निर्धारण से जुड़ा निकाय है।

भारत में 2,731 प्रमाणित सीएफपी पेशेवर

मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में, भारत में 2,731 प्रमाणित सीएफपी पेशेवर हैं जबकि पूरी दुनिया भर में इनकी संख्या 2.23 लाख है। भारत में 2030 तक लगभग 10,000 सीएफपी होंगे जबकि मांग के कारण जरूरत 1,00,000 की होगी। उन्होंने कहा कि भारत में व्यक्तिगत वित्त को नजरअंदाज किया गया। लोगों ने सोचा कि वित्तीय नियोजन बड़े लोगों के लिए है। लेकिन, वास्तव में, धन प्रबंधन बड़े लोगों के लिए है जबकि वित्तीय योजना सभी के लिए है।

हमें वित्तीय रूप से शिक्षित होने की जरूरत है। मिश्रा ने कहा कि हम गिफ्ट सिटी में काफी वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्रतिभा की कमी है। आज बैंक और वित्तीय सेवा क्षेत्र की लगभग 628 कंपनियों के कार्यालय गिफ्ट सिटी में हैं। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में वहां लगभग 1.5 लाख लोगों की जरूरत होगी। ये नौकरियां ज्यादातर वितरण और प्रबंधन के क्षेत्र में होंगी। इससे प्रमाणित वित्तीय नियोजकों की काफी मांग होगी।

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