भारतीय बाजारों से बीते साल रूठ गये विदेशी निवेशक अब वापस आने लगे हैं। मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, ब्याज दरों में कमी की संभावना, कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों और शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) मई में अबतक भारतीय शेयर बाजार में 30,945 करोड़ रुपये डाले हैं। इसके साथ एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध प्रवाह इस साल 16,365 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर भारतीय अर्थव्यवस्था तथा कंपनियों की आमदनी बढ़ने की संभावनाओं के बीच भारत में एफपीआई का निवेश प्रवाह जारी रहेगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो मई से 19 मई के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 30,945 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों में शुद्ध रूप से 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डाले थे।
मार्च का निवेश मुख्य रूप से अमेरिका स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में आया था। इसके अलावा, 2023 के पहले दो माह में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 34,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाले थे। मई में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 1,057 करोड़ रुपये का निवेश किया है।