Fortune Global 500 list : रिलायंस इंडस्ट्रीज फॉर्च्यून ग्लोबल-500 की इस साल की सूची में 86वें स्थान पर रही है। पिछले साल के मुकाबले उसकी स्थिति दो पायदान सुधरी है। भारतीय कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्थान सबसे ऊपर बना हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले साल 88वें स्थान पर थी। तीन साल में यह सूची में 69 स्थान की छलांग लगा चुकी है। रिलायंस वर्ष 2021 में 155वें स्थान पर थी। फॉर्च्यून ने अपनी वेबसाइट पर 2024 की सूची जारी करते हुए कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लगातार 21 साल से इस वैश्विक सूची में अपनी जगह बनाये हुए है। कंपनी का राजस्व पिछले साल 108.8 अरब डॉलर जबकि लाभ 8.4 अरब डॉलर था।
9 में से 5 सरकारी कंपनियां
इस साल की रैंकिंग में नौ भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इनमें से पांच सार्वजनिक क्षेत्र की हैं। बीमा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) 2024 की सूची में 12 पायदान चढ़कर 95वें स्थान पर पहुंच गई, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) 22 स्थान फिसलकर 116वें स्थान पर रही। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 57 पायदान चढ़कर 178वें स्थान पर रहा। सूची में भारतीय कंपनियों में ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) क्रमशः 22 और 25 स्थान फिसल कर क्रमश: 180वें और 258वें स्थान पर रहीं।
टाटा मोटर्स 271वें स्थान पर
टाटा मोटर्स 66 पायदान ऊपर 271वें स्थान पर जबकि एचडीएफसी बैंक 306वें स्थान और राजेश एक्सपोर्ट्स सूची में 463वें पायदान पर हैं। फॉर्च्यून के अनुसार, अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट लगातार 11वें साल पहले पायदान पर बनी हुई है। जबकि अमेजन दूसरे स्थान (पिछले साल चौथे स्थान पर) पर है। सूची में सऊदी अरामको चौथे पायदान पर रही, जबकि बीते वर्ष यह दूसरे स्थान पर थी। हालांकि, 121 अरब डॉलर के मुनाफे के साथ, यह लगातार तीसरे साल सूची में सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली कंपनी थी।
तीसरे स्थान पर चीन की कंपनी
चीन की सरकारी कंपनियों में बिजली इकाई स्टेट ग्रिड सूची में तीसरे पर स्थान है। शीर्ष 10 में दो अन्य चीनी कंपनियां सिनोपेक ग्रुप पांचवें और चाइना नेशनल पेट्रोलियम छठे स्थान पर हैं। एप्पल सूची में सातवें पायदान पर है। फॉर्च्यून ने कहा, ‘‘फॉर्च्यून ग्लोबल-500 दुनियाभर के सबसे बड़ी 500 कंपनियों की हमारी सालाना सूची है। इसका आकलन कुल राजस्व के आधार किया जाता है।’’ कंपनियों का आकलन 31 मार्च, 2024 को या उससे पहले समाप्त हुए उनके संबंधित वित्त वर्ष के कुल राजस्व के आधार पर किया गया है।