विदेशी निवेशक एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार पर मेहरबान हो गए हैं। आम चुनाव के रिजल्ट आने के बाद विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार में पैसा डाल रहे हैं। इसका असर भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। बाजार में लगातार तेजी बनी हुई है। आपको बता दें कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 7,900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। आर्थिक मोर्चे पर मजबूती के बीच एफपीआई का भारतीय बाजार के प्रति भरोसा बढ़ा है।
इस साल अबतक 1.16 लाख करोड़ का निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इसके साथ ही इस साल अबतक शेयरों में कुल एफपीआई निवेश 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आगे चलकर कंपनियों के पहली तिमाही की कमाई के आंकड़े और आम बजट से एफपीआई के प्रवाह की दिशा तय होगी। आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अबतक (पांच जुलाई तक) शेयरों में शुद्ध रूप से 7,962 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले जून में एफपीआई ने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये डाले थे।
चुनाव से पहले निकासी की थी
वहीं चुनाव को लेकर असमंजस की वजह से विदेशी निवेशकों ने मई में शेयर बाजार से 25,586 करोड़ रुपये की निकासी की थी। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की चिंता के कारण एफपीआई ने अप्रैल में शेयरों से 8,700 करोड़ रुपये से अधिक निकाले थे। जूलियस बेयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुछाला ने कहा, ‘‘कुछ कोष संभवत: चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रहे थे।’’
इस कारण एफपीआई निवेश कर रहे
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि भारत में एफपीआई प्रवाह की महत्वपूर्ण वजह बाहरी कारक मसलन अमेरिका में बढ़ता बॉन्ड प्रतिफल और अन्य उभरते बाजारों में निचला मूल्यांकन है। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 6,304 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह इस साल अबतक एफपीआई बॉन्ड बाजार में 74,928 करोड़ रुपये डाल चुके हैं।