विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर में अब तक भारतीय बॉन्ड बाजारों में करीब 12,400 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह दो साल में किसी एक महीने का सर्वाधिक निवेश है। देश में बॉन्ड पर आकर्षक प्रतिफल से बॉन्ड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है। बाजार विशेषज्ञों ने बताया कि जेपी मॉर्गन उभरते बाजारों में सरकारी बॉन्ड सूचकांक में भारतीय सरकारी प्रतिभूतियों को शामिल करने से भारतीय बॉन्ड बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है। डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई 2023 की शुरुआत से ही भारतीय बॉन्ड को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने मार्च के अलावा पूरे साल निवेश किया है।
मार्च में 2,505 करोड़ रुपये की निकासी
मार्च में उन्होंने 2,505 करोड़ रुपये निकाले थे। आंकड़ो के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने इस महीने (27 नवंबर तक) बाजार में शुद्ध रूप से 12,400 करोड़ रुपये का निवेश किया। सितंबर 2021 में 12,804 करोड़ रुपये निवेश के बाद से यह सबसे अधिक निवेश है। अक्टूबर में 6,382 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया गया था। पर एनम एंड लेंडबॉक्स के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) एवं सह-संस्थापक भुवन रुस्तगी ने कहा कि अन्य उभरते बाजारों के बॉन्ड की तुलना में भारतीय बॉन्ड अपेक्षाकृत आकर्षक है। यह विकसित बाजारों के बॉन्ड की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिफल प्रदान करता है।
इस कारण निवेशकों ने बढ़ाया अपना निवेश
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा, ‘‘ अक्टूबर मध्य में अमेरिका में मुद्रास्फीति में उम्मीद से अधिक गिरावट ने बाजार को विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व संभवत: अब नीतिगत दर नहीं बढ़ाएगा। इसके परिणामस्वरूप अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से गिरावट आई है और 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल अक्टूबर मध्य में पांच प्रतिशत से घटकर अब 4.40 प्रतिशत हो गया।’’ कुल मिलाकर 2023 के लिए संचयी रुझान अच्छा बना हुआ है। इस वित्त वर्ष में अब तक एफपीआई ने 96,340 करोड़ रुपये का निवेश किया है।