शेयर बाजार में शानदार तेजी का दौर जारी है। इसके चतले एक बार फिर निफ्टी 20 हजार के अहम लेवल को पार कर गया है। वहीं, सेंसेक्स 67 हजारी बनने को तैयार है। इस बीच विदेशी निवेशकों और म्यूचुअल फंड्स ने कई कंपनियों के स्टॉक्स में अपना निवेश बढ़या है। वहीं, कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी बेची है। आपको बता दें कि कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोफोर्ज, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पतंजलि फूड्स में सितंबर तिमाही में एफपीआई की हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी कॉफोर्ज, सुला वाइनयार्ड्स और रेस्तरां ब्रांड्स एशिया में हुई, जबकि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने रेस्तरां ब्रांड्स एशिया, यूनियन बैंक और अमारा राजा में अपनी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा बढ़ाई।
इन कंपनियों के स्टॉक्स से पैसा निकाल रहे एमएफ
वहीं, म्युचुअल फंड की हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा कमी सुप्रीम इंडस्ट्रीज, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और अशोक लेलैंड में हुई, जबकि बीएफआई के लिए यह डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक और कोलगेट पामोलिव में थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीआईआई ने बैंकों, उपभोक्ता वस्तुओं और आईटी सेवा क्षेत्रों में स्टॉक खरीदे और पूंजीगत वस्तुओं के स्टॉक बेचे। सितंबर तिमाही में बीएसई-200 इंडेक्स में एफपीआई की हिस्सेदारी (एडीआर और जीडीआर सहित) 21.4 फीसदी थी। बीएसई-200 इंडेक्स में डीआईआई की हिस्सेदारी जून तिमाही के 15.5 फीसदी से बढ़कर सितंबर तिमाही में 15.7 फीसदी हो गई। एफपीआई का बैंकों और रियल एस्टेट पर अधिक भार था; उपभोक्ता वस्तुओं और धातुओं एवं खनन पर कम था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता वस्तुओं और तेल, गैस और ईंधन पर कम भार है।
हिस्सेदारी बढ़ने और कम होने का असर
किसी स्टॉक्स में विदेशी निवेशकों और म्यूचुअल फंड में हिस्सेदारी बढ़ने का मतलब हौता है कि उस कंपनी के शेयर में तेजी आएगी। ऐसा इसलिए कि म्यूचुअल फंड और विदेशी निवेशक बड़ा पैसा लगाते हैं। वे एक बार में लाखों शेयर का सौदा करते हैं। वह उसी कंपनी के स्टॉक्स में पैसा लगाते हैं, जिनके फंडामेंटल और कारोबार में वृद्धि होती है। ऐसे स्टॉक्स में रिटेल निवेशक पैसा लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। वहीं, किसी स्टॉक्स में पैसा निकालने का मतलब होता है कि निवेशकों का भरोसा डोल रहा है। ऐसे में उस स्टॉक्स में गिरावट आ सकती है। इसलिए पैसा निकालने पर शेयर का भाव नीचे जा सकता है।
इनपुट: आईएएनएस