वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत है और यह अगले पांच-छह साल में खराब-से-खराब परिस्थितियों में देश की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए संतोषजनक स्थिति में है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 12 मई को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.55 अरब डॉलर बढ़कर 599.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकारी प्रयासों ने मुद्रास्फीति के प्रबंधन में मदद की है और मुझे खुशी है कि रिजर्व बैंक ने भी इसे ‘मान्यता’ देते हुए पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है।
विदेशी मुद्रा भंडार पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार है। आज अपने विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से भारत खराब से खराब स्थिति में भी अगले पांच-छह साल की जरूरतों को पूरा करने की दृष्टि से संतोषजनक स्थिति में है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य विकासशील देश इस तरह की बेहतर स्थिति में नहीं है। यह पहली बार है जब कारोबारी ब्याज दरों को विकसित देशों के समान देख रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह निवेश, वृद्धि, हमारी अंतरराष्ट्रीय पहुंच का विस्तार करने, प्रौद्योगिकी लाने, और देश में नवोन्मेषण लाने के लिए एक आकर्षक मामला है।’’ उन्होंने कहा कि भारत के व्यापारिक भागीदार मुक्त व्यापार करार (एफटीए) के लिए वार्ताओं में तेजी चाहते हैं।
भारत अभी कनाडा, ईएफटीए (यूरोपियन मुक्त व्यापार संघ), ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ इस तरह के समझौतों के लिए बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक व्यवस्था में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। एफटीए दोतरफा होता है। मुझे बहुत दुख होता है जब कभी-कभी कहा जाता है कि मैं (उद्योग) यूरोपीय संघ के बाजार तक पहुंच चाहता हूं, लेकिन कृपया उन्हें इसकी अनुमति न दें।’’ मंत्री ने भरोसा जताया कि 2030 तक देश 2,000 अरब डॉलर के वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के आंकड़े पर पहुंच जाएगा।