रिजर्व बैंक इस समय दोराहे पर आ खड़ा हुआ है। एक और रुपया पाताल में धंसता नजर आ रहा है, वहीं घटते निर्यात और बढ़ते आया से विदेशी मुद्रा भंडार भी दिनों दिन सिकुड़ता नजर आ रहा है। उस पर विदेशी निवेशकों की रवानगी ने रिजर्व बैंक और सरकार का सिर चकरा दिया है। रुपये को 80 के स्तर से नीचे गिरने से रोकने के लिए पिछले महीने रिजर्व बैंक करीब 100 अरब डॉलर झोंक चुका है। लेकिन इसके बावजूद रुपया 82 से नीचे फिसल चुका है।अब रिजर्व बैंक का पूरा जोर रुपये को बचाने की बजाए विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने पर है।
लगातार नौवें सप्ताह आई गिरावट
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह में 8.134 अरब डॉलर कम होकर 537.
518 अरब डॉलर पर रहा था।
1 साल में 100 अरब डॉलर की गिरावट
वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है। देश की विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन करंसी असेट्स (एफसीए) में गिरावट के कारण 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.406 अरब डॉलर घटकर 472.807 अरब डॉलर रह गया।
स्वर्ण भंडार में भी आई कमी
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 28.1 करोड़ डॉलर घटकर 37.605 अरब डॉलर पर आ गया है। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 16.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.427 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास सुरक्षित देश का मुद्रा भंडार 4.826 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा।