भारत में अब घटिया क्वालिटी के जूते चप्पल नहीं बनेंगे। सरकार ने इसके लिए फुटवियर कंपनियों (Footwear Industry) के लिए स्टैंडर्ड पेश किए हैं, इन्हीं के आधार पर जूतों का निर्माण किया जाएगा। हालांकि भारतीय फुटवियर उद्योग सरकार के इन नियमों में कुछ छूट चाह रहा था। लेकिन उद्योग के अनुरोध को दरकिनार करते हुए सरकार ने एक जुलाई से फुटवियर उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCO) का पालन करना अनिवार्य कर दिया है।
फुटवियर उद्योग इस आदेश का अनुपालन टालने के लिए कई दिनों से सरकार से संपर्क में था और समयसीमा को टालने का अनुरोध कर रहा था। लेकिन सरकार ने बुधवार को इस आदेश में कोई बदलाव करने से इनकार कर दिया। फुटवियर उद्योग और खुदरा व्यापारी इस आदेश को एक वर्ष के लिए टालने का अनुरोध कर रहे थे। चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में सरकार ने 27 अक्टूबर, 2020 को तीन अनिवार्य क्यूसीओ जारी किए थे, जिनमें से एक आदेश जनवरी, 2022 से लागू हो चुका है और शेष आदेश एक जुलाई से लागू हो जाएंगे।
छोटे और मझोले उद्योग भी इस दायरे में
गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों के निर्माण के इस दायरे में उद्योग का सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) खंड भी आ गया है। हालांकि उद्योग की लघु इकाइयों (सालाना कारोबार 50 करोड़ रुपये से कम और 10 करोड़ रुपये का निवेश) को इस आदेश के अनुपालन के लिए छह महीनों की मोहलत दी गई है। इस तरह लघु इकाइयों पर यह आदेश एक जनवरी, 2024 से लागू होगा। वहीं, सूक्ष्म इकाइयों (सालाना कारोबार पांच करोड़ रुपये से कम) के लिए यह आदेश एक जुलाई, 2024 से प्रभावी होगा। इससे पहले फुटवियर उद्योग में एमएसएमई खंड को इन आदेशों से अलग रखा गया था।
भारतीय प्रोडक्ट की बनेगी विदेशों में पहचान
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इन फैसलों की घोषणा करते हुए कहा कि इन आदेशों से गुणवत्तापूर्ण फुटवियर का उत्पादन बढ़ाने, निर्यात और वैश्विक बाजारों में भारतीय ब्रांड्स को स्थापित करने में मदद मिलेगी। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद गोयल ने संवाददाताओं से कहा, “हमने निर्णय लिया है कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश एक जुलाई से लागू होंगे। आदेश में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया गया है। तारीख नहीं टाली जाएगी और सभी को इस पर सहमत होना होगा।”