Children's Day : देशभर में आज बाल दिवस मनाया जा रहा है। अपने बच्चों की फिक्र हर किसी को होती है। हर मां-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चों का फाइनेंशियल फ्यूचर मजबूत हो और उन्हें कभी पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़े। अगर आप अपने बच्चों के जन्म के बाद से ही उनके फाइनेंशियल फ्यूचर पर काम करें, तो बड़ी आसानी से एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि आपको क्या-क्या करना है।
गोल पता करें
पहले स्टेप में आप अपने गोल्स की पहचान करें.. हायर एजुकेशन, रिक्युरिंग एजुकेशन, स्कूल ट्रिप, बाइक, शादी, प्रॉपर्टी आदि इसमें शामिल हो सकते हैं। दूसरे स्टेप में टाइम और इंपोर्टेंस के हिसाब से अपने गोल्स को प्राथमिकता देना है, जिससे व्यक्ति सही समय पर सही गोल के पीछे जा सके। इसके बाद तीसरे स्टेप में आपको मौजूदा लागत और महंगाई के हिसाब से भविष्य के खर्चों का अनुमान लगाना है।
पता करें भविष्य के खर्चे
उदाहरण के लिए आपका गोल अपने बेटे को साल 2030 में कॉलेज से ग्रेजुएट हो जाने के बाद उसे टॉप बिजनेस-स्कूल में पढ़ाना हैं और इसके लिए फाइनेंशियली तैयार रहना चाहते हैं। अब आईआईएम में दो साल के एमबीए प्रोग्राम की मौजूदा फीस करीब 23 लाख रुपये है। अब यह फीस पिछले दो दशकों में करीब 12 फीसदी सालाना की दर से बढ़ी है। अब हम कैलकुलेशन करने पर पाएंगे कि यही फीस साल 2030 में 64 लाख रुपये हो जाएगी। इसी तरह हमें हर एक गोल के लिए मौजूदा लागत के हिसाब से भविष्य के खर्चों का कैलकुलेशन करना है। इससे हमे पता चल जाएगा कि हमें फ्यूचर में खर्चों के लिए कितने रुपयों की जरूरत होगी।
2 तरह के होते हैं गोल्स
आपके कुछ इमीडिएट गोल्स हैं, तो आप कुछ निवेश सेविंग्स एकाउंट, एफडी, लिक्विड एंड शॉर्ट टर्म डेट फंड्स में कर सकते हैं। लॉन्ग टर्म के गोल्स के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, गोल्ड और सुकन्या समृद्धि जैसे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स का एक साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।
महंगाई का रखें ध्यान
बच्चों की फाइनेँशिल प्लानिंग में सबसे आम गोल हायर एजुकेशन होता है। अगर सामान्य उपभोक्ता महंगाई करीब 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है, तो एजुकेशन इन्फ्लेशन करीब 11 फीसदी की दर से बढ़ रही है। अब आपको एक ऐसे निवेश विकल्प की जरूरत है, जहां इस महंगाई दर के बराबर या इससे अधिक रिटर्न मिल रहा हो। अगर पेरेंट्स 10 से 15 साल की लंबी अवधि के गोल्स के लिए निवेश कर रहे हैं, तो अधिक एग्रेसिव हो सकते हैं। पेरेंट्स चाहें तो पूरे निवेश को इक्विटी में इन्वेस्ट कर सकते हैं। यहां बेहतर रिटर्न मिलने की गुंजाइश काफी बढ़ जाती है।
यह स्ट्रैटेजी है बड़ी मजेदार
अमेरिका में एक चलन काफी आम है। वहां परिवारों में सभी बच्चों के लिए माता-पिता, दादा-दादी, चाचा, चाची .. सभी हर महीने एजुकेशन फंड के लिए कुछ राशि का योगदान करते हैं। हर व्यक्ति अलग-अलग राशि का योगदान दे सकता है। इससे काफी सारा योगदान आ जाता है। यह थोड़ा-थोड़ा पैसा मिलकर काफी बड़ा फंड बन जाता है।