देश के आम निवेशक तेजी से म्यूचुअल फंड का रुख कर रहे हैं। इसी बीच आम निवेशकों में फोकस्ड म्यूचुअल फंड को लेकर भी काफी दिलचस्पी बढ़ रही है। सीमित शेयरों में निवेश करने वाले फोकस्ड म्यूचुअल फंड का ऐसेट बेस चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 31 प्रतिशत बढ़कर 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया। बताते चलें कि फोकस्ड म्यूचुअल फंड एक तरह का इक्विटी म्यूचुअल फंड ही है जो सीमित या कम संख्या में शेयरों में निवेश करता है। सेबी के नियमों के मुताबिक फोकस्ड म्यूचुअल फंड्स ज्यादा से ज्यादा 30 शेयरों में ही निवेश कर सकते हैं।
पिछले साल 60 प्रतिशत तक का रिटर्न
इंडस्ट्री के डाटा के मुताबिक इन्वेस्को इंडिया फोकस्ड फंड, महिंद्रा मनुलाइफ फोकस्ड फंड, जेएम फोकस्ड फंड और एचडीएफसी फोकस्ड 30 फंड जैसे कुछ फोकस्ड फंड्स ने पिछले साल 40-60 प्रतिशत तक का भारी-भरकम रिटर्न दिया है। फोकस्ड म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर को शेयरों को चुनते समय काफी सजगता दिखानी होती है क्योंकि उन्हें किसी खास मार्केट वैल्यूएशन या सेक्टर के प्रति पूर्वाग्रह के बिना बाजार में सबसे अच्छे निवेश के मौकों की पहचान करनी होती है।
फोकस्ड फंडों का एयूएम चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1.43 लाख करोड़ रुपये पर
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, फोकस्ड फंडों का एयूएम चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ये 1.09 लाख करोड़ रुपये था। आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि एयूएम में ये बढ़ोतरी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज़ के विकल्प के रूप में फोकस्ड फंडों के आकर्षण को दिखाती है।
एसआईपी के जरिए फोकस्ड फंड में निवेश करने की सलाह
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा बाजार परिवेश में समझदार रणनीति के रूप में एसआईपी के जरिए फोकस्ड फंड में निवेश करना चाहिए। ये फंड कम शेयरों में निवेश करते हैं लिहाजा एसआईपी समय के साथ निवेश बढ़ाकर जोखिम कम करने में मदद कर सकते हैं। कुल मिलाकर इस कैटेगरी में अलग-अलग म्यूचुअल फंड हाउस 31 स्कीम पेश करते हैं। इन स्कीम्स ने पिछले एक साल में 19 से 60 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है।