केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को सरकार ने बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने CBSE को परीक्षा शुल्क, पाठ्य पुस्तकों की बिक्री और प्रकाशन तथा अन्य कार्यों से होने वाली आय पर आयकर से छूट दी है। CBSE को आयकर छूट पिछली तिथि से मिली है। यह छूट वित्त वर्ष 2020-21 (एक जून, 2020 से 31 मार्च 2021) और वित्त वर्ष 2021-22 तथा 2022-23 के लिये दी गयी है। छूट चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष 2024-25 में भी जारी रहेगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना में कहा कि सरकार ने दिल्ली स्थित केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को आयकर अधिनियम की धारा 10 (46) के तहत अधिसूचित किया है और इसे उसकी निर्धारित आय पर आयकर भुगतान से छूट दी है। सीबीएसई का गठन केंद्र सरकार ने किया है। ऐसी आय में परीक्षा शुल्क, सीबीएसई से संबद्ध होने से जुड़ा शुल्क, पाठ्य पुस्तकों और प्रकाशनों की बिक्री, पंजीकरण शुल्क, खेल शुल्क और प्रशिक्षण शुल्क शामिल हैं। साथ ही, सीबीएसई परियोजनाओं/कार्यक्रमों से प्राप्त होने वाली राशि, आयकर रिफंड पर ब्याज और इस प्रकार की आय पर अर्जित ब्याज आयकर से मुक्त होगा।
CBDT के अनुसार, कर छूट इस शर्त पर निर्भर है कि सीबीएसई किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा और निर्धारित आय की प्रकृति पूरे वित्त वर्ष में बदलेगी नहीं। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के संयुक्त भागीदार (कॉरपोरेट और अंतरराष्ट्रीय कर) ओम राजपुरोहित ने कहा कि मौजूदा अधिसूचना सीमित अवधि के लिये है। यह पिछली तिथि एक जून, 2020 से वित्त वर्ष 2024-25 तक के लिये है। इसको देखते हुए सीबीएसई पिछले वर्षों के आयकर रिटर्न को संशोधित करने को लेकर विशेष अनुमति के लिये सीबीडीटी को आवेदन दे सकता है और निर्धारित आय पर दिए गए कर के ‘रिफंड’ का दावा कर सकता है।