बैंकिंग सेक्टर को लेकर एक विशेष खबर है। वित्त मंत्रालय ने आगामी 22 दिसंबर को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में डूबे कर्ज (एनपीए) के मैनेजमेंट सहित अलग-अलग पैरामीटर्स पर ऋणदाता बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। भाषा की खबर के मुताबिक, सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वित्तीय सेवा सचिव की अध्यक्षता में होने वाली मीटिंग में दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत स्वीकारने और समाधान के लिए लंबे समय से लंबित मामलों की समीक्षा की जाएगी। इस मीटिंग में बैंक के चेयरमैन और एमडी शामिल होंगे।
एनएआरसीएल के कामकाज की भी समीक्षा होगी
खबर के मुताबिक, इस अहम मीटिंग में राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) के कामकाज की भी समीक्षा की जाएगी। यह एक सरकारी इकाई है, जिसे वर्ष 2021 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बहुलांश हिस्सेदारी और निजी बैंकों की शेष हिस्सेदारी के साथ शामिल किया गया था। इसमें केनरा बैंक प्रायोजक बैंक था।
एनएआरसीएल परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के रूप में है रजिस्टर्ड
राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के तहत एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड है। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021 में एनएआरसीएल द्वारा जारी प्रतिभूति रसीदों के लिए 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
एनएआरसीएल खराब ऋण के लिए भुगतान करेगा
प्रावधान के मुताबिक,एनएआरसीएल खराब ऋण के लिए सहमत मूल्य का 15 प्रतिशत तक नकद भुगतान करेगा और शेष 85 प्रतिशत सरकार द्वारा गारंटी वाली प्रतिभूति रसीदें होंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार बैंकिंग प्रणाली में लगभग दो लाख करोड़ रुपये के बैड लोन के समाधान के हिस्से के रूप में एक ‘बैड बैंक’सेट अप करने की सोच रखती है।