वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से स्टार्टअप और फिनटेक कंपनियों की चिंताओं को दूर करने के लिए उनके साथ मासिक आधार पर बैठकें करने को कहा। वित्त मंत्री ने स्टार्टअप और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ बैठक में यह सुझाव दिया। बैठक में रेजरपे, क्रेड और उद्यम पूंजी कंपनी पीकएक्सवी सहित लगभग 50 कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि आरबीआई, स्टार्टअप और फिनटेक कंपनियों की चिंताओं और मुद्दों का हल करने के लिए उनके साथ हर महीने एक निश्चित दिन ‘ऑनलाइन’ माध्यम से बैठक कर सकता है।’’
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप संस्थापकों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने पेटीएम संबंधित कोई चिंता नहीं दिखायी। सरकार की ओर से बैठक में वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव एस कृष्णन के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर उपस्थित थे।
बैठक में SBI चेयरमैन और NPCI के अधिकारी भी थे मौजूद
बैठक में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के अधिकारी भी मौजूद थे। यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे फिनटेक उद्योग में नियमों के अनुपालन का मुद्दा सामने आया है। अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा स्टार्टअप ने साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताएं जतायी। कुछ स्टार्टअप ने सुझाव दिया कि सरकार को इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए सक्रियता से कदम उठाने चाहिए
RBI ने PPBL पर लिया है एक्शन
आरबीआई ने नियमों का अनुपालन नहीं करने के लिए 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को 29 फरवरी के बाद ग्राहकों से कोई भी नई जमा राशि या ‘टॉप अप’ स्वीकार करने से रोक दिया। बाद में इस समयसीमा को 15 मार्च तक बढ़ा दिया गया। केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह एनपीसीआई को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से उपयोगकर्ताओं को चार-पांच अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने की संभावना पर गौर करने की सलाह दी। पेटीएम पमेंट्स बैंक के पास 30 करोड़ वॉलेट और तीन करोड़ बैंक ग्राहक हैं।