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वित्त मंत्री ने राज्यों के पाले में डाली पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की गेंद, जीएसटी परिषद की बैठक में रास्ता संभव

पांच पेट्रोलियम उत्पाद कच्चा तेल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन जीएसटी से बाहर है। इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की तिथि के बारे में माल एवं सेवा कर परिषद को विचार करना है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: February 15, 2023 21:54 IST
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण- India TV Paisa
Photo:PTI वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की अगली बैठक से पहले राज्यों के पाले में पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की गेंद डाल दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि राज्यों के सहमत होने पर पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ साल से सरकार का प्रयास आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के इरादे से सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने का रहा है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सदस्यों के साथ बजट-बाद बैठक में वित्त मंत्री ने कहा, पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर प्रावधान पहले से उपलब्ध है। मेरे पूर्ववर्ती ने इस संदर्भ में विकल्प खुला रखा है।

जीएसटी से बाहर हैं ये पांच उत्पाद 

पांच पेट्रोलियम उत्पाद कच्चा तेल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन जीएसटी से बाहर है। इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की तिथि के बारे में माल एवं सेवा कर परिषद को विचार करना है। उन्होंने कहा, राज्यों के सहमत होने के बाद, हम पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाएंगे। जीएसटी परिषद की अगली बैठक 18 फरवरी, 2023 को नयी दिल्ली में होगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया है। उन्होंने कहा, पिछले तीन-चार साल से, सार्वजनिक पूंजी व्यय पर जोर रहा है। हमने इस बजट में भी इसे जारी रखा है। 

बजट में जोर पूंजी व्यय पर 

यह साफतौर पर कहा जा सकता है कि इस बजट में जोर पूंजी व्यय पर है। सीतारमण ने कहा, ‘‘पिछले कई साल में यह पहली बार है जब पूंजीगत व्यय दहाई अंक में पहुंचा है। यह बताता है कि बजट में किसी चीज को महत्व दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली समेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने और एक देश, एक राशन कार्ड लागू करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

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