केंद्र की बीजीपी सरकार की ओर से संसद में श्र्वेत पत्र लाया गया है। इस पत्र में पिछली यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की बात की गई है। इसमें बताया गया कि यूपीए सरकार के दौरान हुए कोयला घोटाले से देश को नुकसान हआ है। इसमें बैक डोर से गुटखा कंपनियों को भी लाइसेंस दिए गए थे। इससे देश की आय कम हुई। एफडीआई भी कमी आई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार को इसे ठीक करने में 10 साल का समय लगा। हमारी सरकार ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाया। इससे 84,000 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है। छत्तीसगढ़ में 12,000 करोड़, झारखंड में 11,600 करोड़, राजस्थान में 8000 करोड़, कर्नाटक में 4000 करोड़ और मेघालय में 90 करोड़ का डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड एकत्रित हुआ है। हमने कोयला को हीरा बनाया है।
पुराने घोटालो का किया ज्रिक
वित्त मंत्री द्वारा कांग्रेस के पिछले कार्यकाल के दौरान हुए अन्य घोटलों का भी जिक्र किया गया। सीतारमण ने कहा, "1950 के दौरान मुंधड़ा स्कैम हुआ था, जिसमें हरिदास मुंधड़ा की कंपनी में एलआईसी को 1.26 करोड़ रुपये के शेयर खरीदने के लिए विवश किया गया। उस दौरान तत्कालीन सरकार वित्त मंत्री को बली का बकरा बनाया गया था।"
आगे वित्त मंत्री ने पूर्व एसबीआई चेयरमैन आरके तलवार का भी जिक्र किया। सीतारमण ने कहा, " आरके तलवार इमरजेंसी के समय में एसबीआई के चेयरमैन थे। उन्होंने एक विशेष पार्टी को लोन देने के मान कर दिया, जिसके बाद उन्हें इतना परेशान किया गया कि अपना चेयरमैन का पद छोड़ना पड़ा।
बता दें, मोदी सरकार की ओर से यूपीए के पिछले कार्यकाल पर श्र्वेत पत्र जारी किया गया है। इसमें पिछले केंद्र सरकार की आर्थिक गलतियों का जिक्र किया गया। कैसे उसके गलत आर्थिक फैसलों ने अर्थव्यवस्था को संकट में डाल दिया।