वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण की ओर से बुधवार (20 अप्रैल,2024) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास से मुलाकात की गई। वित्त मंत्री के साथ दास की यह बैठक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से करीब एक पखवाड़ा पहले हुई है। इसके साथ ही वित्त मंत्री की ओर से शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के साथ भी मुलाकात की गई है। इसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऑफिस के द्वारा सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर दी गई।
अप्रैल में आएगी मौद्रिक नीति
अप्रैल में आबीआई की ओर से नई मौद्रिक नीति पेश की जानी है। दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक तीन से पांच अप्रैल को होगी। यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी। ऐसे में ये बैठके काफी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि ये बैठकें ऐसे समय में हो रही हैं जब उद्योग जगत ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहा है और शेयर बाजारों में भारी अस्थिरता देखी जा रही है।
फरवरी 2023 से रेपो रेट स्थिर
आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था। तब से लेकर अब तक रेपो रेट उच्चतम स्तर 6.5 प्रतिशत पर बना हुआ है। माना जा रहा है कि एमपीसी की बैठक में एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति और वृद्धि की परिदृश्य पर अनुमान पेश किया जाएगा। आरबीआई ने फरवरी में जारी अपनी पिछली नीतिगत बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि दर 7 प्रतिशत और मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था। आरबीआई ने मंगलवार को जारी एक बुलेटिन में कहा था कि खाद्य कीमतों का दबाव खुदरा मुद्रास्फीति को रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य तक तेजी से लाने में बाधा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर से नीचे आ रही है और फरवरी में 5.09 प्रतिशत रही है।
शेयर बाजार में स्थिरता
पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों में भारी अस्थिरता देखी गई है। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सात मार्च को 74,245.17 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गया था। बुधवार को सूचकांक 72,101.69 अंक पर बंद हुआ।