वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अमृत काल की रणनीति के बारे में बताया है। इस रणनीति में 5 मंत्र हैं। पहला है- सस्टेनेबल डेवलपमेंट। इसमें साल 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने का कमिटमेंट है। इसके लिए विंड एनर्जी के लिए फंडिंग होगी। कोल गैसिफिकेशन और लिक्विफिकेशन कैपेसिटी स्थापित होगी। सीएनजी, पीएनजी और कंप्रेस्ड बायोगैस की चरणबद्ध अनिवार्य ब्लेंडिंग होगी। रूफटॉप सोलराइजेशन का काम होगा। इससे 1 करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलेगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में ई-बस को अपनाया जाएगा। ई-व्हीकल इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट
अमृत काल की रणनीति का दूसरा मंत्र इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट है। इसमें पीएम गति शक्ति के तहत लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार और लागत कम करने के लिए 3 बड़े रेलवे कॉरिडोर प्रोग्राम्स का कार्यान्वयन होगा। विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। उड़ान स्कीम के तहत मौजूदा एयरपोर्ट्स का विस्तार किया जाएगा और नए एयरपोर्ट्स बनाए जाएंगे। मेट्रो रेल और नमो भारत के जरिए अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन को प्रमोट किया जाएगा।
समावेशी विकास
रोजगार पैदा करने से लेकर तेज विकास तक में राज्यों को तेजी से सहायता के लिए आकांक्षी जिला कार्यक्रम। लड़कियों के लिए कैंसर वेक्सीनेशन प्रोग्राम। सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम। आयुष्मान भारत स्कीम के तहत हेल्थ कवर का विस्तार आदि।
समावेशी विकास-2
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 3 करोड़ घरों के टार्गेट को पाने के करीब है। इस योजना के तहत अगले 5 साल में 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे। मिडिल क्लास को घर खरीदने या बनाने में मदद करने के लिए योजना लाई जाएगी। आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर्स के डेवलपमेंट को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके पैदा हों। डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को लॉन्ग टर्म ब्याज फ्री लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
एग्रीकल्चर और फूड प्रोसेसिंग
पोस्ट-हार्वेस्ट एक्टिविटीज में प्राइवेट और पब्लिक इन्वेस्टमेंट को प्रमोट किया जाएगा। नैनो-डीएपी एप्लीकेशन का सभी एग्रो-क्लाइमेट जोन्स में विस्तार किया जाएगा। डेयरी डेवलपमेंट के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना का कार्यान्वयन किया जाएगा।