Highlights
- नियुक्तियों की संख्या के मामले में ब्राजील के बाद भारत दूसरे स्थान पर
- नियुक्तियों की धारणा में 10 प्रतिशत अंक का सुधार हुआ
- भारतीय नौकरी बाजार पर मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ा है
Festive Bonanza: नई नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अगले तीन महीने देश की करीब 64 फीसदी कंपनियां बंपर भर्ती करने की तैयारी कर रही है। एक रिपार्ट से यह जानकारी मिली है। मैनपावरग्रुप के मंगलवार को जारी रोजगार परिदृश्य सर्वे के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर, 2022 के लिए श्रम बाजार की धारणा मजबूत दिखाई दे रही है। इस सर्वे में 41 देशों और क्षेत्रों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 40,600 नियोक्ताओं की राय ली गई। सर्वे के अनुसार, भारत में 64 प्रतिशत कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएंगी।
ब्राजील के बाद भारत दूसरे स्थान पर
नियुक्तियों की संख्या के मामले में ब्राजील के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। ब्राजील में 56 प्रतिशत नियोक्ताओं ने नई नियुक्तियों की बात कही। सर्वे में कहा गया है कि पिछले साल की समान अवधि से तुलना की जाए, तो नियुक्तियों की धारणा में 10 प्रतिशत अंक का सुधार हुआ है। वहीं पिछली तिमाही की तुलना में इसमें तीन प्रतिशत का सुधार है। मैनपावरग्रुप इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा, ‘‘भारत की बुनियाद मजबूत है। लघु अवधि के झटकों के बावजूद वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश में बढ़ोतरी और बढ़ता निर्यात मध्यम से दीर्घावधि में इन झटकों के असर को कम करेगा।’’
इसलिए निकली नौकरियां
देश में नई नियुक्तियों का परिदृश्य काफी मजबूत नजर आ रहा है। भू-राजनीतिक तनाव के बीच विकासशील देशों के लिए वृद्धि के अवसरों की संभावनाओं के मद्देनजर करीब 54 प्रतिशत कंपनियों ने अगले तीन माह में नई नियुक्तियों की योजना बनाई है। वहीं 10 प्रतिशत ने कर्मचारियों की संख्या कम करने की बात कही। 24 प्रतिशत का कहना था कि उनकी कर्मचारियों की संख्या में किसी तरह का बदलाव करने की योजना नहीं है। इस तरह मौसमी रूप से समायोजित शुद्ध रोजगार परिदृश्य 54 प्रतिशत बैठता है।
मंहगाई का नौकरी बाजार पर असर नहीं
भारतीय नौकरी बाजार पर मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ा है और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नियुक्ति गतिविधियों में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वैश्विक नौकरी ऑनलाइन मंच ‘इनडीड’ की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति की आशंका के बावजूद ज्यादातर नौकरी चाहने वालों की आजीविका खर्चों पर महंगाई का अधिक प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में से छह नौकरी चाहने वालों का कहना है कि वे मंहगाई से ज्यादा प्रभावित नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि साक्षात्कार में 89 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि मुद्रास्फीति का प्रभाव कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को काम पर रखने और भुगतान करने के तरीके को नहीं बदलेगा। इनडीड का पहली तिमाही के लिए नियुक्ति सूचकांक अप्रैल-जून, 2022 के दौरान 1,229 नियोक्ताओं और 1,508 कर्मचारियों के सर्वेक्षण के आधारित है।