Monday, January 06, 2025
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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में जबरदस्त बढ़ोतरी, अप्रैल-सितंबर छमाही में 29.79 अरब डॉलर पर पहुंचा आंकड़ा

सेक्टरों के लिहाज से सर्विस, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ट्रेडिंग, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल, फार्मा और केमिकल इंडस्ट्री में निवेश बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सर्विस में एफडीआई बढ़कर 5.69 अरब डॉलर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये 3.85 अरब डॉलर था।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : Dec 02, 2024 6:43 IST, Updated : Dec 02, 2024 6:43 IST
अप्रैल-जून तिमाही में 47.8 प्रतिशत बढ़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
Photo:FREEPIK अप्रैल-जून तिमाही में 47.8 प्रतिशत बढ़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

सर्विस, कंप्यूटर, टेलीकॉम और फार्मा सेक्टर में अच्छे निवेश के कारण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर छमाही में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सालाना आधार पर 45 प्रतिशत बढ़कर 29.79 अरब डॉलर हो गया। सरकारी आंकड़ों में ये जानकारी सामने आई है। बताते चलें कि पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर छमाही में एफडीआई प्रवाह 20.5 अरब डॉलर था। जुलाई-सितंबर छमाही में, प्रवाह पिछले वित्त वर्ष की समान छमाही के 9.52 अरब डॉलर के मुकाबले सालाना आधार पर लगभग 43 प्रतिशत बढ़कर 13.6 अरब डॉलर हो गया।

अप्रैल-जून तिमाही में 47.8 प्रतिशत बढ़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

अप्रैल-जून तिमाही में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 47.8 प्रतिशत बढ़कर 16.17 अरब डॉलर पर रहा। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों से पता चला है कि कुल एफडीआई, जिसमें इक्विटी फ्लो, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 28 प्रतिशत बढ़कर 42.1 अरब डॉलर हो गया, जो अप्रैल-सितंबर 2023-24 में 33.12 अरब डॉलर था।

प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी फ्लो में बढ़ोतरी

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान, प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में बढ़ोतरी हुई। इनमें मॉरीशस (2.95 अरब डॉलर के मुकाबले 5.34 अरब डॉलर), सिंगापुर (5.22 अरब डॉलर के मुकाबले 7.53 अरब डॉलर), अमेरिका (2 अरब डॉलर के मुकाबले 2.57 अरब डॉलर), नीदरलैंड (1.92 अरब डॉलर के मुकाबले 3.58 अरब डॉलर), यूएई (1.1 अरब डॉलर के मुकाबले 3.47 अरब डॉलर), केमैन आइलैंड्स (14.5 करोड़ डॉलर के मुकाबले 23.5 करोड़ डॉलर) और साइप्रस (3.5 करोड़ डॉलर के मुकाबले 80.8 करोड़ डॉलर) शामिल हैं। हालांकि, जापान और ब्रिटेन से प्रवाह में गिरावट दर्ज की गई है।

महाराष्ट्र को मिला सबसे ज्यादा निवेश

सेक्टरों के लिहाज से सर्विस, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ट्रेडिंग, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल, फार्मा और केमिकल इंडस्ट्री में निवेश बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सर्विस में एफडीआई बढ़कर 5.69 अरब डॉलर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये 3.85 अरब डॉलर था। आंकड़ों के अनुसार, गैर-परंपरागत ऊर्जा में एफडीआई प्रवाह 2 अरब डॉलर रहा। आंकड़ों से पता चला कि अप्रैल-सितंबर 2024-25 के दौरान महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा 13.55 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ। इसके बाद कर्नाटक (3.54 अरब डॉलर), तेलंगाना (1.54 अरब डॉलर) और गुजरात (लगभग 4 अरब डॉलर) का स्थान रहा। 

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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