रूस यूक्रेन युद्ध,(Russia Ukraine War) महंगाई (Inflation) और वैश्विक स्तर पर हलचलों से भरा रहा 2022 का साल भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिहाज से भी अच्छा नहीं रहा। भारत में FDI का प्रवाह बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 22 प्रतिशत घटकर 46 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर (Computer Harware) और सॉफ्टवेयर (Software) और वाहन उद्योग को कम विदेशी निवेश मिलने की वजह से कुल एफडीआई में गिरावट आई है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
2021-22 में देश में 58.77 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। कुल एफडीआई प्रवाह पिछले वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत घटकर 70.97 अरब डॉलर रहा था। 2021-22 में यह 84.83 अरब डॉलर था। इसमें इक्विटी प्रवाह, पुन: निवेश की गई आय और अन्य पूंजी शामिल है। बीते वित्त वर्ष में मॉरीशस, अमेरिका, नीदरलैंड, केमैन आइलैंड और जर्मनी से एफडीआई घटा है।
अप्रैल-मार्च, 2022-23 के दौरान भारत को सबसे ज्यादा एफडीआई
- सिंगापुर (17.2 अरब डॉलर)
- मॉरीशस (6.13 अरब डॉलर)
- अमेरिका (छह अरब डॉलर)
- संयुक्त अरब अमीरात (3.35 अरब डॉलर)
- नीदरलैंड (2.5 अरब डॉलर)
- जापान (1.8 अरब डॉलर)
- ब्रिटेन (1.73 अरब डॉलर)
- साइप्रस (1.27 अरब डॉलर)
- केमैन आइलैंड (77.2 करोड़ डॉलर)
- जर्मनी (54.7 करोड़ डॉलर)
IT और Auto सेक्टर बने खलनायक
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 9.4 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया, लेकिन यह 2021-22 के 14.5 अरब डॉलर से काफी कम है। वाहन उद्योग में एफडीआई घटकर 1.9 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2021-22 में इस क्षेत्र को सात अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था।
कौन सा राज्य अव्वल कौन सा फिसड्डी
- राज्यों में महाराष्ट्र को पिछले वित्त वर्ष में 14.8 अरब डॉलर का एफडीआई मिला, जो 2021-22 के 15.44 अरब डॉलर के आंकड़े से कम है।
- कर्नाटक को विदेशी निवेश 2022-23 में घटकर 10.42 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2021-22 में राज्य को 22 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था।
- जहां 2022-23 में एफडीआई में गिरावट आई है, उनमें दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
- गुजरात में एफडीआई 2022-23 में बढ़कर 4.71 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2021-22 में यह 2.7 अरब डॉलर था। राजस्थान में भी एफडीआई प्रवाह बढ़ा है।